कोटपूतली में 700 फीट के बोरवेल में फंसी 3 साल की चेतना को 15 फीट तक बाहर खींचा गया है। एनडीआरफ देसी जुगाड़ से मासूम को बाहर निकाल रही है। बच्ची को एल बैंड में फंसाकर 150 फीट की गहराई से बाहर निकाला जा रहा है। कीरतपुरा के बड़ियाली की ढाणी की चेतना सोमवार दोपहर 2 बजे खेलते हुए बोरवेल में गिर गई थी। वह करीब 20 घंटे से बोरवेल में भूखी-प्यासी फंसी है। इस दौरान रेस्क्यू टीमों को चेतना को बाहर निकालने में दो बार असफलता भी मिली। तीसरे प्रयास में टीमें उसे देसी जुगाड़ में फंसाने में कामयाब रहीं। इससे पहले चेतना के परिवार से प्रशासन ने परमिशन भी ली। उन्होंने कहा कि यदि बच्ची को बाहर निकालने में चोट लगती है तो इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार नहीं होगा। सबसे पहले जानिए- कहां हुआ हादसा दो कोशिश नाकाम, अब तीसरी से उम्मीद सोमवार रात करीब 1 बजे रिंग रॉड और अंब्रेला टेक्नीक से बच्ची को निकालने का पहला प्रयास असफल रहा। एनडीआरएफ के सीनियर कमांडेंट योगेश मीणा ने बताया- जो रिंग बच्ची को फंसाने के लिए बोरवेल में फंसाने के लिए अंदर डाला था। वो बच्ची के कपड़ों मे उलझ गया था। उस रिंग से बच्ची की बॉडी पर पकड़ नहीं बन पाई। ऐसे में आधी दूरी में पकड़ छूटने के डर से रिंग को दोबारा बाहर निकाला गया है। अब रिंग को सही कर दोबारा डालेंगे। मंगलवार सुबह प्रशासनिक अधिकारियों ने बच्ची के दादा व परिवार के अन्य लोगों को रेस्क्यू से जुड़ी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नए प्रयास में बच्ची को चोट लग सकती है तो वे प्रशासन पर आरोप नहीं लगाएंगे। इसके बाद बच्ची को बाहर खींचने में फिर वे फेल हो गए। अब नए प्रयास में उसे अम्ब्रेला के L से खींचा जा रहा है। रेस्कयू ऑपरेशन से जुड़ी PHOTOS…
