आज राजस्थान क्राइम फाइल्स में सीकर से जुड़ा केस। सीकर शहर में रहने वाले एक ही परिवार के चार सदस्य पति-पत्नी और दोनों बेटियां फंदे से लटके मिले। पुलिस के सामने कई सवाल थे- क्या ये मर्डर है या सामूहिक आत्महत्या? क्या परिवार की किसी से कोई दुश्मनी थी? अगर आत्महत्या थी तो उसकी वजह क्या थी- कर्ज, काला जादू या कुछ और? पढ़िए पूरी रिपोर्ट… 21 फरवरी 2021, शाम पांच बजे का वक्त। पुरोहितजी की ढाणी क्षेत्र में रहने वाले वाले हनुमान सैनी के मकान के बाहर राेज की तरह दूधवाला आवाज लगा रहा था। हमेशा हनुमान का परिवार एक आवाज में ही दूध लेने आ जाता था। ऐसे में बार-बार आवाज लगाने के बाद भी कोई दूध लेने नहीं आए तो दूधवाले को कुछ अजीब लगा। मकान अंदर से बंद था। झांककर देखा तो घर के अंदर भी कोई हलचल नहीं थी। बाहर बर्तन बिखरे हुए थे। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। हनुमान का परिवार जब भी बाहर जाता था तो दूधवाले को पहले ही बता जाते थे। दूधवाले के मन में शंका हुई कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है। ऐसे में उसने पड़ोसियों को इसके बारे में बताया। धीरे-धीरे मकान के आगे पड़ोसी जमा होने लगे। दरवाजा खटखटाते हुए हनुमान के परिवार को आवाज लगा रहे थे। काफी देर बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो लोगों ने हनुमान के परिवार और उद्योग नगर पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने के कुछ देर बाद ही उद्योग नगर के तत्कालीन थानाधिकारी पवन चौबे पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। पहले उन्होंने भी आवाज लगाई। एक कमरा अंदर से बंद था। बाकी के दोनों कमरे खुले हुए थे। कोई जवाब नहीं आने पर मकान का दरवाजा तोड़ा गया। मौके पर तत्कालीन एसपी कुंवर राष्ट्रदीप व तत्कालीन डीएसपी विरेंद्र शर्मा भी पहुंच गए। जांच में खुलासा-हत्या नहीं आत्महत्या है
दरवाजा तोड़ने के बाद जैसे ही पुलिस की टीम अंदर पहुंची तो नजारा देखकर उनके होश उड़ गए। कमरे में परिवार के चारों सदस्यों हनुमान प्रसाद (45), उनकी पत्नी तारा (40), दो बेटियाें पूजा (22) और अनु (20) की लाशें लटकी हुई थीं। पुलिस ने चारों के शव फंदे से नीचे उतारे। हनुमान सैनी के भाई धनश्याम सैनी व सुरेश भी मौके पर पहुंच गए। हनुमान सैनी भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी का भतीजा था। ऐसे में पुलिस के सामने जल्द से जल्द इस केस को सॉल्व करने की चुनौती थी। प्राथमिक जांच में ये बात साफ हो गई कि ये मर्डर नहीं सामूहिक आत्महत्या है। हनुमान सैनी और उसके परिवार ने घर के एक कमरे में दीवार के दोनों ओर दो बड़े छेद कराए। दोनों छेद की मदद से कमरे में लोहे का मजबूत गार्डर फिट किया। उसी गार्डर पर चारों ने फंदे लगाए थे। रस्सी भी नई लेकर आए थे। एक ही पलंग पर खड़े होकर उन्होंने सुसाइड कर लिया था। हनुमान ने पहले दोनों बेटियाें और पत्नी को सुसाइड करवाया। इसके बाद खुद फंदे पर लटक गया। न किसी से दुश्मनी, न पैसे की कमी थी
जांच के दौरान पुलिस के सामने बड़ा सवाल था कि हनुमान ने पंखे से लटकने या फिर जहर खाने की बजाय लोहे के गार्डर से फंदा क्यों लगाया था। इसकी वजह ये थी कि पंखे का कुंडा हल्का होता है। हनुमान को आशंका थी कि चार लोगों के वजन से वह टूट सकता है। इसके अलावा जहर खाकर भी बचने की संभावना थी और पूरा परिवार हर हाल में अपनी जिंदगी खत्म करना चाहता था। हनुमान सरकारी स्कूल में चपरासी था। पैसों की किसी भी तरह की परेशानी नहीं थी। उनके नाम अच्छी खासी जमीन थी। दुकान थी और उस पर कोई कर्ज भी नहीं था। उसका परिवार से भी कोई झगड़ा नहीं था। हनुमान की दोनों बेटियां पूजा और अन्नू पढ़ाई में काफी होशियार थीं। दोनों सरकारी सेवाओं में जाना चाहती थीं। पूजा एमएससी और अन्नू बीएससी कर रही थी। पुलिस ने जानकारी ली तो सामने आया कि पड़ोसियों से भी हनुमान या उसके परिवार का किसी तरह का विवाद नहीं था। पड़ोसियों ने बताया था कि हनुमान, उसकी पत्नी और बच्चे काफी शांत स्वभाव के थे। परिवार ने सुसाइड कैसे कर लिया? इस पर पड़ोसी भी विश्वास नहीं कर पा रहे थे। हनुमान की जेब में मिले 2 सुसाइड नोट
हनुमान के परिवार के दूसरे सदस्यों के आने के बाद पुलिस व एफएसएल टीम ने मकान के अंदर की भी जांच शुरू की। घर में पुलिस को ऐसा कुछ भी नहीं मिला। रसोई में खाना बना हुआ था और परिवार ने खाना भी खाया था। सभी के कमरे पूरी तरह से सही स्थिति में थे। सुसाइड वाला कमरा ही पुलिस को कुछ अलग लग रहा था। इसके बाद पुलिस ने सभी शवों की जांच शुरू की। शवों पर कहीं भी कोई चोट का निशान नहीं था। हनुमान की दोनों बेटियों, पत्नी के शव की जांच में पुलिस को कुछ नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने हनुमान के शव और कपड़ों की तलाशी ली। हनुमान की पैंट की जेब से दो पेपर मिले। पुलिस ने दोनों पेपर को पढ़ा तो पता चला कि ये दोनों सुसाइड नोट थे। इसमें पूरे परिवार के खात्मे की वजह लिखी हुई थी। कल पार्ट-2 में पढ़िए क्या था उन सुसाइड नोट में
