पटवारियों की एसएसओ आईडी हैक करके किसानों के डाटा के साथ छेड़छाड़ करके हैकर ने खुद के आधार नंबर और बैंक खाता नंबरों को अपडेट कर दिया। इस फर्जीवाड़े की शिकायतों के बाद बाड़मेर जिला प्रशासन ने ऐसे करीब 3 हजार किसानों के खातों में बाहरी जिलों व राज्यों के बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड अपडेट होने पर ट्रांजेक्शन रोक दिया। इसके बाद दैनिक भास्कर ने पूरे मामले को उजागर किया था। जिसके बाद राज्य सरकार के आपदा एवं प्रबंधन विभाग ने डीएमआईएस को ब्लॉक कर ट्रांजेक्शन रोक दिया। जिसके बाद पिछले 15 दिनों से प्रदेश के सभी 41 जिलों में डीएमआईएस पोर्टल से किसी तरह का भुगतान नहीं हो रहा है। इससे करीब 500 करोड़ से ज्यादा के ट्रांजेक्शन अटके हुए हैं। सरकारी अधिकारियों की एसएसओ आईडी हैक करके डीएमआईएस पोर्टल पर अपलोड किसानों के डाटा के साथ छेड़छाड़ करीब एक साल से हो रही हैं, लेकिन भास्कर खुलासे के बाद सरकार की नींद उड़ी और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकार ने डीएमआईएस पोर्टल से ट्रांजेक्शन रोक दिए। करीब 15 से प्रदेश के किसी भी जिले में डीएमआईएस पोर्टल से ट्रांजेक्शन नहीं हो रहे हैं। अब एक्सपर्ट टीम की ओर से हर जिले के डीएमआईएस पोर्टल पर डेटा को जांच गया। फर्जीवाड़े के जो मामले थे, उनके ट्रांजेक्शन राेके हैं। अब पोर्टल पर फर्जीवाड़े की जांच लगभग पूरी हो गई है और जल्द ही पोर्टल खुलने वाला। किसानों को 230 करोड़ के भुगतान का इंतजार रबी फसल 2022 यानि संवत 2079 में ओलावृष्टि और बारिश की वजह से जीरा, ईसबगोल में जबरदस्त खराबा हुआ था। करीब 1.50 लाख किसानों का 2.30 अरब रुपए का आदान-अनुदान राशि का डाटा डीएमआईएस पोर्टल पर अपडेट है। इसके लिए सरकार से बजट मिलने के साथ ही खराबे का अधिकतम 34 हजार रुपए भुगतान किया जाना है। 33 फीसदी से ज्यादा खराबा होने की स्थिति में सरकार की ओर से किसानों को अनुदान के रूप में राशि दी जाती है। रबी में अब यह राशि 17 हजार रुपए से बढ़ाकर 2 हेक्टेयर तक 34 हजार रुपए कर दी है। खरीफ 2023 का करीब 2.18 करोड़ रुपए को क्लेम पिछले माह दिसंबर में ही आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से बाड़मेर के किसानों के खातों में जमा किया था। पोर्टल पर फर्जी बैंक खाते हटाए, अब साइट शुरू होगी आपदा प्रबंधन एवं राहत विभाग की ओर से डीएमआईएस पोर्टल पर किसानों के डाटा में फर्जी बैंक खाते को नंबर, आधार और अन्य एंट्रियों को डिलीट किया है। इसके बाद अब एक-एक किसान के डाटा की जांच करके उसमें आदान-अनुदान की राशि ट्रांसफर की जाएगी। जयपुर के अधिकारियों के मुताबिक 15 दिन से डीएमआईएस पोर्टल पर डाटा की जांच की गई है। इसके बाद अब जल्द वेबसाइट शुरू होगी। विभाग की ओर से इस मामले में अब तक कोई एफआईआर भी दर्ज नहीं करवाई गई है। जबकि बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े की शिकायतें मिली थी। हालांकि अब डीएमआईएस पोर्टल की सिक्युरिटी बढ़ाई है और सभी अधिकारियों की एसएसओ आईडी के पासवार्ड बदलने के भी निर्देश दिए हैं। हालांकि इस तरह का फर्जीवाड़े के मामले पहले भी हो चुके है। लेकिन इसकी तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। भास्कर ने इसको प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद प्रशासन हरकत में आया। “डीएमआईएस पोर्टल पर फर्जीवाड़े की शिकायतों के बाद जांच के लिए वेबसाइट को बंद किया था। अब जांच प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। जल्द ही इसे शुरू किया जाएगा।” -आनंद कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव, सहायता व नागरिक सुरक्षा विभाग जयपुर।
