जिले के नारकोटिक्स विभाग में अफीम किसानों के लाइसेंस सेटलमेंट का ऑफलाइन काम 13 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है। इसके लिए विभाग ने सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। विभाग की ओर से बताया गया कि ऑनलाइन लाइसेंस आवेदन की प्रक्रिया रविवार तक ही तय की गई थी। इसके बाद अब ऑफलाइन तरीके से किसानों के लाइसेंस सेटलमेंट का काम किया जाएगा। यह प्रक्रिया अलग-अलग डिवीजनों में तय तारीखों के अनुसार चलेगी। 13 अक्टूबर से शुरू होगा ऑफलाइन लाइसेंस सेटलमेंट का काम जिले को अफीम उत्पादन के लिए तीन डिवीजनों पहला, दूसरा और तीसरे में बांटा गया है। इन सभी में किसानों ने गम (अफीम डोडो में चीरा लगाकर अफीम निकालने की प्रक्रिया) और CPS (बिना चीरा लगाए ही अफीम अधिकारी को डोडे सहित अफीम देना) पद्धति से अफीम उत्पादन के लिए आवेदन किए हैं। पहले डिवीजन में गम पद्धति से अफीम उत्पादन के लिए 6123 किसान पात्र थे, जिनमें से 11 अक्टूबर तक 6101 किसानों ने आवेदन कर दिया। वहीं, CPS पद्धति में 2166 किसान पात्र थे और इनमें से 2040 किसानों ने आवेदन किया। इस साल 9 पट्टे होल्ड पर किए गए पहले डिवीजन में ऑफलाइन सेटलमेंट का काम 13 अक्टूबर से शुरू होकर 18 अक्टूबर तक चलेगा। इस डिवीजन में चित्तौड़, बस्सी, भदेसर, कानोड़, भिंडर, वल्लभनगर, लसाडिया तहसीलें और राजस्थान एग्रीकल्चर कॉलेज के किसान शामिल हैं। पिछले साल इस डिवीजन के 442 किसानों के पट्टे होल्ड किए गए थे, जिन्हें इस बार वापस दे दिए गए हैं। वहीं, इस साल 9 पट्टे होल्ड किए गए हैं। पिछले वर्ष CPS पद्धति के 1136 किसान ऐसे थे जिन्होंने औसत से ज्यादा डोडे दिए थे, उन्हें इस बार गम पद्धति के पट्टे दिए गए हैं। जबकि गम पद्धति के 142 किसानों ने औसत से कम उत्पादन किया था, इसलिए उन्हें इस बार CPS पद्धति के पट्टे मिले हैं। दूसरे डिवीजन में 18 अक्टूबर तक होगा लाइसेंस देने का काम दूसरे डिवीजन में भी किसानों की ओर से लाइसेंस के लिए आवेदन बड़ी संख्या में किए गए हैं। यहां गम पद्धति के तहत 5084 किसान पात्र थे, जिनमें से 4854 किसानों ने आवेदन किया है। CPS पद्धति में 1116 किसान पात्र थे, जिनमें से 949 किसानों ने आवेदन किया। इस डिवीजन का ऑफलाइन लाइसेंस सेटलमेंट का काम भी 13 से 18 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें कपासन, भूपालसागर, मावली, गंगरार, राशमी और डूंगला तहसीलों के किसान शामिल होंगे। 121 पट्टे होल्ड वालों को मिला पट्टा दूसरे डिवीजन में पिछले साल 121 किसानों के पट्टे होल्ड किए गए थे, जिन्हें इस बार वापस कर दिया गया है। वहीं, इस साल 9 किसानों के पट्टे होल्ड किए गए हैं। पिछले वर्ष CPS पद्धति के 796 किसानों ने औसत से ज्यादा उत्पादन किया था, उन्हें इस बार गम पद्धति के पट्टे दिए गए हैं। इसके अलावा, गम पद्धति के 144 किसानों ने कम उत्पादन किया था, इसलिए उन्हें CPS पद्धति के पट्टे मिले हैं। 17 अक्टूबर तक होगा ऑफलाइन लाइसेंस सेटलमेंट का काम तीसरे डिवीजन में भी किसानों की सक्रियता देखने को मिली। यहां गम पद्धति से अफीम उत्पादन के लिए 5659 किसान पात्र थे, जिनमें से 11 अक्टूबर तक 5624 किसानों ने आवेदन कर दिया है। वहीं, CPS पद्धति के लिए 1800 किसान पात्र थे, जिनमें से 1606 किसानों ने आवेदन किया। इस डिवीजन में ऑफलाइन लाइसेंस सेटलमेंट की प्रक्रिया 13 अक्टूबर से शुरू होकर 17 अक्टूबर तक चलेगी। इसमें निंबाहेड़ा और बड़ीसादड़ी क्षेत्र के किसान शामिल रहेंगे। तीसरे डिवीजन में सबसे ज्यादा 21 पट्टे होल्ड पर गए तीसरे डिवीजन में पिछले साल 370 किसानों के पट्टे होल्ड किए गए थे, जिन्हें इस साल वापस कर दिया गया है। इस साल 21 किसानों के पट्टे होल्ड किए गए हैं। पिछले साल CPS पद्धति के 1016 किसानों ने औसत से अधिक डोडे दिए थे, उन्हें इस बार गम पद्धति के पट्टे दिए गए हैं। वहीं, गम पद्धति के 64 किसानों ने औसत से कम अफीम उत्पादन किया था, इसलिए उन्हें CPS पद्धति के पट्टे दिए गए हैं। नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ऑफलाइन प्रक्रिया में किसानों के दस्तावेजों की जांच, लाइसेंस नवीनीकरण और पद्धति परिवर्तन का काम पूरा किया जाएगा। विभाग का लक्ष्य है कि निर्धारित डेट में सभी पात्र किसानों का सेटलमेंट काम पूरा कर लिया जाए, ताकि अफीम उत्पादन सीजन शुरू होने से पहले किसानों को लाइसेंस उपलब्ध हो सके।