भास्कर न्यूज | बाड़मेर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के प्रयासों से राज्य सरकार की गरीबी मुक्त गांव योजना को बड़ी सफलता मिली है। वर्ष 2018 के आवास प्लस सर्वे में शामिल 2 लाख 73 हजार 752 परिवारों को अब पक्के घर मिलेंगे। इन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत मकान दिए जाएंगे। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इसके लिए राजस्थान को लक्ष्य आवंटित कर दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सरकार बनने के बाद से ही केन्द्र से समन्वय बनाकर योजनाओं का लाभ दिलाने की दिशा में काम शुरू किया। हाल ही में उन्होंने दिल्ली में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इस दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मनरेगा, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन पर चर्चा हुई। राज्य सरकार ने गरीबी मुक्त गांव बनाने के लिए बजट में प्रावधान किया है। पहले चरण में पांच हजार गांवों को चिन्हित किया गया है। इन गांवों के बीपीएल परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर लाने के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इन गांवों में विकास योजनाएं, स्वरोजगार के अवसर, कौशल विकास कार्यक्रम और वित्तीय सहायता दी जाएगी। अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत राजस्थान को 22 लाख 23 हजार मकानों का लक्ष्य मिला था। इनमें से करीब 20 लाख मकानों का निर्माण पूरा हो चुका है। अब 2018 की सूची में शामिल सभी प्रतीक्षारत परिवारों को भी मकान मिलेंगे। ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को पात्र परिवारों को स्वीकृति पत्र और पहली किश्त जारी करने के निर्देश दिए हैं। योजना के तहत पात्र परिवारों को 1 लाख 20 हजार रुपए की सहायता दी जाती है। यह राशि सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजी जाती है। इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपए और मनरेगा में 90 श्रम दिवस का पारिश्रमिक भी दिया जाता है।