डूंगरपुर| नीलगाय व निराश्रित पशुओं से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए सरकार ने तारबंदी योजना शुरू की पर,कृषि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह बीच में ही रुक गई है। वित्तीय वर्ष 24-25 में सरकार की ओर से विभाग को 200 किलोमीटर तक तारबंदी करने का लक्ष्य मिला था। इस योजना से जुड़ने के लिए 453 काश्तकारों ने आवेदन किया। पर, 166 को ही लाभ मिला। बाकी 125 का अधिकारियों ने सर्वे करना तो दूर फाइल देखी तक नहीं है। इस वित्तीय वर्ष के समाप्त होने में अब करीब दो माह का समय बाकी है। अब तक 200 किलोमीटर के लक्ष्य में आधे से भी कम 72 किलोमीटर तक ही काम किया है। 166 किसानों को अनुदान के रूप में 53 लाख रुपए की राशि जारी कर दी है। सरकार ने तीन श्रेणी तय करते हुए कृषकों को 400 रनिंग मीटर तक तारबंदी स्थापित करने पर लघु एवं सीमान्त कृषकों को लागत का 60 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि 48 हजार रुपए एवं सामान्य कृषकों को लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि 40 हजार रुपए अनुदान देय है। ^लगभग 125 फाइलें पेंडिंग है। इसके लिए विभाग को 50 लाख रुपए का प्रस्ताव भेज रखा है। -परेश पंडया, कृषि विभाग, डूंगरपुर