​​​​​​​स्कूलवालाें ने बच्चे की चोट पर गर्म रोटियां चिपकाईं?:घरवाले बोले- छत से फेंका, फिर देसी इलाज से संक्रमण के कारण मौत, स्कूल ने आरोप नकारे

करौली के गढ़ी बांधवा के रहने वाले 14 साल के स्टूडेंट की स्कूल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। घरवालों का आराेप है… बच्चे को स्कूल संचालक और गार्ड ने छत से नीचे फेंक दिया। पांच दिन तक स्कूल स्टाफ बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाने के बजाय देसी इलाज करता रहा। उसके पैर की चोट और सीने पर गर्म रोटियां चिपका देते थे। जिससे उसके घाव बने और संक्रमण हो गया। स्कूल प्रबंधन का तर्क है… बच्चा सरिया लेकर घूम रहा था। वार्डन ने हाथ पकड़कर उसे खींचा था। इस दौरान उसका पैर वहां पौधे लगाने के लिए किए गड्ढे में आ गया और मुड़ गया। दो दिन बाद उसने दर्द की शिकायत की तो अस्पताल भी लेकर गए, लेकिन उसके घरवाले बिना बताए वहां से ले गए थे। अब गलत आरोप लगा रहे हैं। आरोपों और तर्कों के बीच सच जानने के लिए भास्कर रिपोर्टर मौके पर पहुंचा… पिता बोले- घर आया तब वापस स्कूल जाने से मना किया था छात्र दिलराज(14) सलेमपुर के सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में सातवीं क्लास में पढ़ता था। वह स्कूल के ही हॉस्टल में रहता था। 21 दिसंबर को उसकी मौत हो गई थी। घरवालों ने आरोप लगाया कि स्कूल में उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गई और छत से नीचे फेंक दिया गया। चोट लगी, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने इसकी जानकारी घरवालों को नहीं दी। घरवालों को पता लगा, तब तक स्थिति काफी बिगड़ गई थी, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पिता रामवतार ने बताया– दिलराज का इसी साल इस स्कूल में एडमिशन करवाया था। दो महीने बाद अक्टूबर में आखिरी बार घर आया था। तब उसने कहा था कि स्कूल में बहुत ज्यादा मारते हैं। बुरी तरह से परेशान करते हैं। तब दिलराज ने कहा था कि वह अगले साल इस स्कूल में नहीं पढ़ेगा। जैसे तैसे समझा कर उसे स्कूल वापस भेजा था। हमें क्या पता था कि दिलराज सही सलामत सिर्फ आखिरी बार ही घर आया था। अगली बार उसकी लाश घर आएगी। 16 तारीख को कॉल कर कहा– मुझे गड्ढे में गिरा दिया, डरा हुआ था दिलराज के ही गांव के रहने वाले और उसके रिश्तेदार भंवर ने बताया कि 13 दिसंबर को दिलराज को स्कूल में टॉर्चर किया गया था। इसके बाद 16 दिसंबर को दिलराज ने किसी दूसरे बच्चे से जैसे-तैसे फोन लेकर घर फोन किया था। तब वो काफी डरा हुआ था। रोते हुए उसने बताया था कि- उसके साथ मारपीट की और उसे गड्ढे में गिरा दिया। जिससे उसको चोटें आईं हैं। रोए हुए उसने कहा कि बहुत दर्द हो रहा है, उसका इलाज नहीं करवा रहे। यही नहीं, जब पिता ने कहा कि वो स्कूल संचालक से बात करेंगे तो दिलराज और डर गया। बोला- सर से मत कहना, नहीं तो फिर मारेंगे। पिता रामवतार के अनुसार उनके बच्चे को काफी टॉर्चर किया गया। दिलराज ने पहले स्कूल की शिकायत घर पर की इसलिए उसे टारगेट किया गया। पांच दिन चोट पर लगाते रहे गर्म रोटियां पिता रामवतार ने बताया कि 18 तारीख जब वह स्कूल पहुंचे तो दिलराज के पैर पर चोट थी। उसके सीने पर भी अंदरुनी चोट आई थी और वो दर्द की बात कहता रहा। इसके बाद उसे परिवार के लोग अस्पताल लेकर गए। रामवतार के अनुसार पांच दिन तक स्कूल स्टाफ बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाने के बजाय देसी इलाज करता रहा। उसके पैर की चोट और सीने पर गर्म रोटियां चिपका देते थे। जिससे घाव बने और संक्रमण हो गया। इसके अलावा बच्चा काफी डरा हुआ था और डिप्रेशन में था। देसी इलाज की बात को खुद स्कूल प्रबंधन ने भी भास्कर से बातचीत में मानी। स्कूल व्यवस्थापक हारिश अली ने कहा कि गांव में पहले देसी इलाज ही किया जाता है। बच्चे को एक बाबा के पास लेकर गए थे। उसने जैसे कहा वैसे इलाज कर दिया। मजदूरी करते हैं रामवतार करौली से करीब 15 किलोमीटर दूर गढ़ी बंधवा स्टैंड से अंदर दो किलोमीटर दूर गांव में रामवतार परिवार के साथ घास फूस से बने कच्चे पक्के घर में रहते हैं। रामवतार मजदूरी करते हैं। मंगलवार सुबह जब भास्कर टीम पहुंची तो गांव के पुरुष मुक्तिधाम में तीये की प्रक्रिया कर रहे थे। जैसे ही रामवतार से बात की तो उनकी आंख भर आईं। रोते हुए बोले दिलराज कहता था कि मैं पढ़ लिखकर अच्छी नौकरी करूंगा। अपने घर की गरीबी दूर करूंगा। मैं तो पढ़ा लिखा नहीं हूं। सोचा था बच्चा पढ़ लिखकर कुछ बन जाएगा। मजदूरी करके उसकी फीस जमा कर रहे थे और परिवार चला रहे थे। स्कूल स्टाफ का दावा– आरोप झूठे, बच्चे के पैर में आई थी मोच स्कूल व्यवस्थापक हारिश अली ने बताया कि बच्चे को छत से नहीं फेंका गया था। 13 तारीख को दिलराज सरिया लेकर घूम रहा था। वार्डन नसरुद्दीन ने सभी बच्चों को ग्राउंड में बुलाया और मुर्गा बनने को कहा। दिलराज ने मना कर दिया। वार्डन ने हाथ पकड़ कर उसे खींचा। इस दौरान उसका पैर वहां पौधे लगाने के लिए किए गड्ढे में आ गया और मुड़ गया। पहले दो दिन तो उसने कुछ नहीं कहा। 15 दिसंबर को उसने दर्द की बात कही थी। जिसके बाद स्थानीय स्तर पर उसका इलाज करा रहे थे। उसके पैर में मोच आई थी। हमने उसके घर पर भी कॉल किया था। वहां किसी से बात नहीं हो पाई थी। बाद में गांव के किसी व्यक्ति का फोन नंबर लेकर कॉल किया और बच्चे की चोट के बारे में बताया। टॉर्चर से परेशान बच्चे छोड़ चुके स्कूल, टॉर्चर सेंटर बताया गंगापुर सिटी और करौली के बीच में सलेमपुर स्टैंड से कुछ दूरी पर सरस्वती विद्या मंदिर आवासीय स्कूल है। जिसमें दो सौ से ज्यादा बच्चे रजिस्टर्ड हैं। दिलराज के गांव से ही कुछ बच्चे इस स्कूल में पढ़ चुके हैं। स्कूल में बच्चों से कैसा बर्ताव होता रहा है, इसकी जानकारी इन बच्चों से जुटाने की कोशिश की। वर्तमान में गढ़ी बानवा के ही एक स्कूल में नौवीं क्लास में पढ़ रहा सोनू मीणा सरस्वती स्कूल में आठवीं क्लास में पढ़ाई कर चुका है। उसने बताया– स्कूल में बच्चों से काफी बुरा बर्ताव होता है। छोटी से भी गलती हो जाए तो बेरहमी से मारते थे। जो भी चीज हाथ लग जाए उससे पिटाई कर देते थे। मैं खुद इतना डरा हुआ था कि घर आता तो वापस स्कूल नहीं जाने की कोशिश करता था। घरवालों ने एग्जाम होते ही उसे स्कूल से निकाल लिया। इसी तरह गांव की जनता बाई का बेटा भी इस स्कूल में पढ़ने गया था। 12 दिन बाद ही उसे वापस निकालना पड़ा। जनता बसी ने बताया कि– मेरे बेटे का नाम भी सोनू है। सातवीं क्लास में पिछले साल इस स्कूल में एडमिशन करवाया था। लेकिन कुछ ही दिन में फोन करके उसने कह दिया कि वो इस स्कूल में नहीं पढ़ेगा। मैंने उससे वजह पूछी तो बताया कि स्कूल में वार्डन, स्टाफ बेरहमी से मारता-पीटता है। उसे समझाया, लेकिन बच्चे ने साफ मना कर दिया कि वह स्कूल नहीं जाएगा। ऐसे में स्कूल से उसका नाम कटवा लिया। पुलिस बोली- पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगा खुलासा कुडगांव थाने में स्कूल संचालक और वार्डन के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। एसएचओ रुक्मणि गुर्जर ने बताया कि पूछताछ में बच्चे को मुर्गा बनाने के दौरान उसे चोट लगने की बात सामने आई है। मौत के कारणों का खुलासा तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही होगा। अभी संचालक और वार्डन को राउंड अप किया है। पूछताछ की जा रही है। …. करौली में बच्चे की मौत से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… वार्डन ने स्टूडेंट को हॉस्टल की छत से फेंका, मौत:स्कूल ने तीन दिन तक घरवालों को नहीं दी सूचना; आरोपी सहित दो टीचर गिरफ्तार करौली में 7वीं क्लास के स्टूडेंट को वार्डन ने हॉस्टल की छत से फेंक दिया। गंभीर घायल छात्र की आठ दिन बाद मौत हो गई। पुलिस ने वार्डन सहित दो टीचर को गिरफ्तार किया है। मामला कुडगांव थाना क्षेत्र के सलेमपुर गांव स्थित निजी आवासीय स्कूल सरस्वती विद्या मंदिर का है। पूरी खबर पढ़िए…