सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने जल जीवन मिशन स्कीम(जेजेएम) मीटिंग में अधिकारियों के दावों की पोल खोल दी। अधिकारियों का कहना था कि शिव तहसील के पोषाल ग्राम पंचायत के अर्जुन का तला गांव में जेजेएम योजना के तहत घरेलू पेयजल कनेक्शन कर पानी की सप्लाई शुरू कर दी है। लेकिन मीटिंग में ही सांसद ने ग्रामीणों को कॉल किया और मोबाइल में लाउड स्पीकर ऑन कर दिया। जिसमें ग्रामीण ने बताया कि 6 महीने बीते गए हैं। पानी सिर्फ टेस्टिंग के समय आया, बाद में सप्लाई ही नहीं हुई। इसके बाद बेनीवाल ने अफसरों से कहा कि आपने पानी बिना पहुंचाएं इन गांवों को सर्टिफाइड तो नहीं कर दिया। दरसअल, बाड़मेर जिला कलेक्ट्रेट कॉन्फ्रेंस हॉल में आज जल जीवन मिशन स्कीम की समीक्षा मीटिंग हुई। इसमें जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के बिंदुवार स्वीकृत योजनाओं का फीडबैक लिया गया। बेनीवाल ने कहा- पानी आना दूर की बात, नल भी नहीं लगाए गए हैं
मीटिंग में सासंद ने जेजेएम के अधिकारियों से कहा- आप लोगों ने जिन घरों में कनेक्शन जोड़े है, वहां टेस्ट करने के बाद सर्टिफिकेट भी दिए है। लेकिन पानी की सप्लाई नहीं हो रही हैं। अधिकारियों ने जवाब दिया कि 41 गांवों में पानी की सप्लाई की जा रही है। इस पर सांसद ने पूछा कि 41 गांव वाले कौन है, जिन्हें आपने सर्टिफाइड किया है। तब कलेक्टर टीना डाबी ने कहा कि 41 गांवों को डिस्प्ले पर दिखाओं। सांसद ने कहा कि ऐसे हालात है कि इन गांवों में पानी आना तो दूर, वहां नल तक भी नहीं लगा है। सांसद ने पूछा- बिना पानी पहुंचाएं सर्टिफिकेट तो नहीं पकड़ा दिए
सांसद ने अफसरों से कहा- अपने मातासर गांव को सर्टिफाइड कर दिया। मैंने वहां के ग्रामीणों से बात की तो वे बोलते है कि कनेक्शन से कभी भी 10 लीटर पानी नहीं आया हैं। पोषाल अर्जुन का तला गांव में पानी पहुंचने की अधिकारियों ने बात की तो सांसद ने वहां के ग्रामीणों को फोन किया। फिर मोबाइल को लाउड स्पीकर पर रखकर ग्रामीण से बात की। ग्रामीण ने बताया कि एक बार टेस्ट किया, तब पानी आया था, इसके अलावा पानी नहीं हुआ। सांसद ने कलेक्टर को 41 गांवों में से 5-7 घरों को रेडंमली चैक करवाने के लिए कहा। सांसद ने कहा- हम एक-एक घर जाकर देखेंगे कि पानी पहुंच रहा है या नहीं। बिना पानी पहुंचाएं आपने सर्टिफिकेट तो नहीं पकड़ा दिए है। बोले- पंपिंग स्टेशन पर लाइट नहीं, पानी कैसे मिलेगा
बैठक के बाद बेनीवाल ने मीडिया से भी बातचीत की। उन्होंने कहा- मैंने फिजिकल वैरिफिकेशन के लिए वहां के ग्रामीण को कॉल किया। तब उन्होंने बताया कि एक बार टेस्टिंग के समय पानी आया था। मीटिंग में बताया कि करीब 112 गांवों में जलजीवन मिशन के कनेक्शन हो गए और पानी पहुंच गया है। मैंने कहा कि सरकारी पैसे का दुरुपयोग नहीं हो। यह बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका फायदा लोगों तक पहुंचना चाहिए। अधिकारियों ने कहा कि मोहनगढ़ में लाइट सप्लाई बराबर नहीं मिल रही है, इसलिए पानी नहीं पहुंच रहा है। वहां पर एक पंपिंग स्टेशन है, लेकिन प्रॉपर लाइट नहीं आती है। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए है कि पानी की चोरी नहीं हो, सप्लाई सही सिस्टम से हो, जिससे हर उपभोक्ता को पानी मिल सकें। मामले में जेजेएम के प्रोजेक्ट मैनेजर रविंद्र कुमार के अनुसार- 41 गांवों में पानी पहुंचाने के बाद उन्हें सर्टिफाइड कर दिया गया है। वहां पानी की सप्लाई हो रही है। जिले में करीब 2 हजार गांव है, जिन्हें जेजेएम में शामिल किया गया है। प्रोजेक्ट में करीब 116 गांव है। फेजवाइज काम किया जा रहा है। जहां कमियों की बात की जा रही है, उनकी जांच की जाएगी।
