टोंक के समरावता हिंसा मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से आज हाई कोर्ट ने 40 आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत ने आरोपियों की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि किसी पर भी स्पेसिफिक एलीगेशन (विशिष्ट आरोप) नहीं है। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि करीब 400-500 लोगों ने समरावता में हिंसा की है। वहीं मौके पर मौजूद कॉन्स्टेबल को घास में डालकर जलाने की कोशिश की हैं। लेकिन किसी भी आरोपी को लेकर स्पेसिफिक एलिगेशन नहीं लगाए गए हैं। दरअसल, 13 नवम्बर को टोंक के समारवता में उप चुनाव के दौरान आगजनी की घटना हुई थी। घटना के बाद 14 नवम्बर को पुलिस ने नगरफोर्ट थाने में आगजनी, हत्या का प्रयास सहित अन्य धाराओं में 81 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 6 दिसम्बर को इन सभी आरोपियों की जमानत टोंक डीजे ने खारिज कर दी थी। हत्या के प्रयास का मामला नहीं बनता
मामले मे आरोपियों की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता राजेन्द्र सिंह तंवर ने कहा कि घटना में किसी भी व्यक्ति को गंभीर चोटें नहीं आई हैं। लेकिन, आरोपियों को जमानत नहीं मिले, इसके लिए पुलिस ने जानबूझकर हत्या के प्रयास की धारा जोड़ी है। जबकि यहां हत्या के प्रयास का मामला बनता ही नहीं है। वहीं गिरफ्तार किया गया कोई भी व्यक्ति आदतन अपराधी नहीं है। सरकार की ओर से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि गिरफ्तार आरोपियों में से केवल 6 लोग समरावता गांव के हैं। शेष सभी आरोपियों को नरेश मीणा द्वारा बाहर से बुलाया गया था। इन सभी लोगों ने पुलिस पार्टी को घेरकर मारा, आगजनी की, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया हैं। इसलिए हुआ था विवाद दरअसल, देवली-उनियारा विधानसभा के समरावता (टोंक) गांव में उपचुनाव में वोटिंग का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर थे। इसी दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया। उन्होंने पोलिंग बूथ में घुसने की कोशिश की तो SDM अमित चौधरी ने उन्हें रोका। इसके बाद नरेश ने तैश में आकर उन्हें थप्पड़ मार दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने वोटिंग का टाइम खत्म होने के बाद पोलिंग पार्टियों को भी रोकने की कोशिश की। गुस्साए लोगों ने SP विकास सांगवान की गाड़ी भी तोड़ दी। इस बीच पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया। मीणा के समर्थकों को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, वे और भड़क गए। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण ने पुलिस जवानों को घेर लिया और मीणा को छुड़ाकर ले गए। पुलिस के लाठीचार्ज करने पर नरेश मीणा के समर्थक भड़क गए और पथराव-आगजनी कर दी। बवाल में 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इनमें 10 पुलिसवाले भी शामिल हैं। वहीं, गुरुवार सुबह करीब 9.30 बजे नरेश मीणा अचानक समरावता गांव पहुंचे और पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाए थे। इसके बाद नरेश मीणा को गिरफ्तार किया गया था।
