सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने सत्यापन नहीं होने के चलते करीब 8 लाख लोगों की पेंशन रोकने की तैयारी कर ली है। विभाग ने मंगलवार तक जारी आंकडों में कुल 90 प्रतिशत पेंशनधारकों का सत्यापन करवाने की जानकारी दी है जबकि 9 प्रतिशत का सत्यापन नहीं हो सका है। ऐसे में अब इनकी सामाजिक पेंशन प्रभावित होना लगभग तय है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन में सर्वाधिक बुजुर्ग, महिलाएं आदि केटेगरी के करीब 93 लाख पेंशनधारक है। गौरतलब है कि सत्यापन की अंतिम तिथि पिछले माह 30 मई को निकल चुकी है। उधर आंकडों की बात की जाएं तो सीएम भजनलाल के गृह जिला सबसे ज्यादा फिसड्डी रहा है। वहां 18 प्रतिशत का सत्यापन नहीं हो सका है। राजधानी जयपुर आैर जयपुर में भी 15 प्रतिशत पेंशनधारकों का सत्यापन नहीं हो सका है। ये ही हाल जालौर आैर सीकर का ही है। उधर झालावाड़, हनुमानगढ़, बालोतरा में 99 प्रतिशत से अधिक का सत्यापन हुआ है। डींग आैर श्रीगंगानगर में भी 97 प्रतिशत से अधिक सत्यापन रिकार्ड है। ये टॉप फाइव में कमजोर जिला पेंडेंसी कुल काम भरतपुर 28702 83.83 जयपुर 96402 84.16 जोधपुर 53867 84.30 जालौर 43699 84.46 सीकर 26418 84.86 ये टारगेट पूरे होने के करीब जिला पेंडेंसी कुल काम गंगानगर 6888 97.11 डींग 3653 97.11 बालोतरा 1410 99.01 हनुमानगढ़ 2224 99.08 झालावाड़ 99 99.96 विभाग का तर्क योजना बनेगी व टाइमलाइन तय होगी सामाजिक सुरक्षा पेंशन के मामलों में 90% लोगों का भौतिक सत्यापन हो चुका है। उन्होंने शत प्रतिशत सत्यापन करवाने के लिए योजना बनाकर तय समयावधि में पूर्ण करवाने के निर्देश दिए है ताकि इस आंकड़े कवर कराया जा सकें। उधर कुछ जिलों ने 97 से 100% सत्यापन भी किया है। -कुलदीप रांका, एसीएस सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से सत्यापन की अंतिम तिथि पिछले माह थी सामाजिक सुरक्षा पेंशन डेढ़ वर्ष से विवादों में प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन को लेकर पिछले डेढ़ वर्ष से अलग -अलग विवाद हो चुके है। इनमें सबसे पहला विवाद तो तीन-तीन महीनों से पेंशन अटकने का चर्चा में रहा। इसके अलावा इसमें फर्जीवाड़े सहित कई कमियां भी लगातार उजागर हुई।