शवों की अदला-बदली:5 दिनों में 2 शव पिता के बता बेटी से करवाए अंतिम संस्कार, डीएनए टेस्ट बताएगा कौनसे थे पिता

बूंदी की रामी का दर्द दोहरा है। उसके पिता महावीर का 22 दिसंबर को निधन हो गया था। वे 14 दिसंबर को बूंदी के बस स्टैंड पर बेहोशी की स्थिति में मिले थे। उन्हें पहले बूंदी और फिर कोटा मेडिकल कॉलेज अस्पताल रैफर कर दिया था, जहां कोटा में उनका निधन हो गया। पुलिस ने जो शव दिया उसका बूंदी में 23 दिसंबर को अंतिम संस्कार कर दिया। चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई कि पुलिस ने दूसरे शव को उसका पिता बताकर उसे कोटा बुलवा लिया। रामी को 27 दिसंबर को उस शव का भी मजबूरी में अंतिम संस्कार करना पड़ा। लोकलाज के डर से वह शव बूंदी नहीं ले गई बल्कि यहीं कोटा में उसका अंतिम संस्कार करवाया। रामी असमंजस में है कि पहले वाला शव पिता का ही था या बाद वाला। अब डीएनए जांच से पता चलेगा कि रामी के असली पिता कौन थे..? भास्कर ने पड़ताल की तो पता चला कि सारी गफलत कोटा मेडिकल कॉलेज में रखे दो शवों की अदला-बदली के कारण हुई। मोर्चरी में 22 दिसंबर को अनंतपुरा पुलिस ने एक लावारिस शव रखवाया था। अगले दिन बूंदी की कोतवाली पुलिस इसे जल्दबाजी में लेती गई। न ही पोस्टमार्टम करवाया और न ही बेटी से पहचान करवाई गई। जब अनंतपुरा पुलिस 24 दिसंबर को अपने लावारिस शव का अंतिम संस्कार करवाने पहुंची तो शव गायब मिला। इस पर दोनों जिलों की पुलिस में हड़कंप मचा। पहले शव का पोस्टमार्टम होता तो सारी हकीकत खुल जाती और नहीं होती गफलत पहला शव – 22 दिसंबर को अनंतपुरा पुलिस ने अज्ञात शव को न्यू मेडिकल अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया।
चूक यह हुई – बूंदी पुलिस इस शव को 23 दिसंबर को ले गई थी। पुलिस ने पोस्टमार्टम नहीं करवाया। शव किसका था, नाम, पते क्या थे, अब यह सवाल पहेली हैं। दूसरा शव – 17 दिसंबर को बूंदी पुलिस ने 55 वर्षीय अज्ञात पुरुष को बूंदी से रैफर करने पर कोटा के मेडिकल अस्पताल में भर्ती करवाया। 22 दिसंबर को मौत हो गई। चूक यह हुई – पुलिस ने 27 नंवबर को शव परिजनों के सुपुर्द किया। यह शव महावीर पुत्र बजरंगलाल का था।