विधानसभा सत्र में नीति पेश करने की तैयारी:10 माह लग गए टाउनशिप पॉलिसी का मसौदा बनाने में, यूडीएच ने नियम हटाया

प्रदेश में टाउनशिप पालिसी को लेकर दावों के विपरीत नियम तोड़ने बनाने का खेल चल रहा है। 2010 की टाउनशिप पालिसी में पिछले 20 फरवरी से नियम तोड़ तोड़ का कार्य चल रहा है। 10 माह में अब दावे हैं कि टाउनशिप पालिसी फाइनल की है। जबकि इसमें केवल फेज वाइज डवलपमेंट का प्रावधान दबाव में हटाया गया है। वैसे कांग्रेस सरकार ने यह प्रावधान टाउनशिप पालिसी में लगाया था। ऐसे इक्का दुक्का प्रावधान हटा कर नया मसौदा बनाने में 10 माह लगे हैं। चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाने वाले नियम हटा दिए हैं। अब अगले बजट सत्र में इसे भाजपा सरकार की पॉलिसी बताकर सदन में पेश करने की तैयारी है। दावे हैं कि इसमें सांसद से लेकर पार्षद तक किसी जन प्रतिनिधि को पीछे नहीं छोड़ा, सभी से सुझाव मांग कर बनाई है। हकीकत में ऐसा कुछ बड़ा काम नहीं किया। विभाग और मंत्री के बीच की पत्रावली के अनुसार नई टाउनशिप पालिसी जल्द लागू करेंगे और प्रदेश का सुनियोजित विकास होगा। 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा इस पालिसी का अशोक गहलोत की 2008 से 2013 की सरकार में बना था, वही काम में लिया है। फरवरी में शुरू हुआ था काम, 3 बार बढ़ाया समय यूडीएच में राज्य के लिए नई टाउनशिप नीति का मसौदा तैयार करने का काम भाजपा सरकार आने के 2 माह बाद ही फरवरी में शुरू किया था। पिछले सत्र में इसे सदन में पेश करना था। नहीं हुआ। विभाग के अफसरों ने फरवरी में सिर्फ 2 माह का समय मांगा था। पिछला बजट सत्र गया। फिर इसका समय 31 जुलाई, 20 अगस्त और अब फिर नवंबर तक बढ़ाया गया। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खारा ने व्यक्तिगत रूप से राज्य के मंत्रियों, विधायकों और सांसदों से प्रतिक्रिया आमंत्रित की थी।