गुर्जर आरक्षण व आंदाेलन से जुड़ी विभिन्न मांगाें काे लेकर गुर्जर नेता विजय बैंसला 8 जून काे पीलूपुरा में महापंचायत पर अड़े हैं। उधर राज्य सरकार और प्रशासन कानून व्यवस्था पर असर नहीं पड़े, इसे लेकर गंभीर है। इस मामले भास्कर ने विजय बैंसला से बातचीत की ताे उन्हाेंने कहा कि समाज की मांगाें पर निर्णय सीएम भजनलाल काे करना है। मांगे नहीं मानने पर समाज निर्णय करेगा कि उसे क्या करना है। समाज काे अपनी मांगे मनवाना अच्छी तरह आता है। क्या आप पार्टी से नाराज हैं और बीजेपी छाेड़ने का मन बना रहे हैं ? इस महापंचायत काे बीजेपी – कांग्रेस से नहीं जाेड़ें। पीएम माेदी की विकसित भारत की मंशा है। अब मैं यही कहना चाहता हूं कि जब तक जातियां विकसित हाेंगी तभी ताे देश विकसित हाेगा। इसके लिए बच्चाें और युवाओं काे आगे बढ़ाना हाेगा, लेकिन ऐसा नहीं हाे रहा है। छात्रवृत्तियां, आरक्षण व संसाधनाें का फायदा बच्चाें व युवाओं मिलना चाहिए, वाे नहीं मिल रहा है। समाज आगे बढ़ेगा तभी देश आगे बढ़ेगा। कमियां कहां रह गईं, आरक्षण ताे पूरा मिल रहा है ?
आरक्षण को नवीं अनुसूचि में शामिल करवाने का काम व देवनारायण याेजना गड्ढे में पड़े हैं। बजट लेप्स हाे रहा है। स्काॅलरशिप से लेकर स्कूटी इश्यू है। आरक्षण बैकलाॅग का इश्यू है। आरजेएस में हमारा एमबीसी लागू नहीं हुआ। कमियां और भी है। अगर मेंं सुबह से गिनाने लगा ताे रात हाे जाएगी। महापंचायत किस बात की और क्याें, पांच प्रतिशत आरक्षण ताे मिल ही रहा है?
आधा या ढाई प्रतिशत आरक्षण ही मिल रहा है। राेस्टर का इश्यू भी है। भर्तियां इस तरह से निकाली हैं कि एमबीसी का आरक्षण प्रभावित हाे। आप ताे सीएम से मिलते रहते हैं, उनसे शिकायत क्याें नहीं की?
उनसे एक साल पहले बात हुई थी। आश्वासन भी मिला था, लेकिन अफसरशाही के आगे बात नहीं बनी। कुल मिलाकर समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ है। उल्टा आंदाेलनकारियाें की जमीन कुर्की के नाेटिस जारी हाे गए हैं। हम ताे ये कह रहे हैं कि आरक्षण मामले में राज्य सरकार ने काेर्ट में हलफनाम दिया था, उसका ताे पालन हाेना चाहिए। मांगे कानूनी रूप से जायज नहीं हाे ताे जबरदस्ती प्रेशर बनाना कितना उचित है?
सरकार हलफनामा काेर्ट में दे चुकी है। सरकारी समझाैते हुए हैं। अब ये बातें करना उचित नहीं है। अगर ये बातें हाेगी ताे फिर जन आंदाेलन भी हाेगा, क्याेंकि धाेखेबाजी जनता के साथ चलने वाली नहीं है। इस बार कमराें में नहीं सभी के सामने निर्णय हाेगा।
