सर्दियों में ट्रेनों का लेट होना, ट्रेन या कोच में तकनीकी खराबी होना एक सामान्य घटना है, लेकिन गुरुवार शाम को जयपुर से जैसलमेर जाने वाली लीलण एक्सप्रेस (12468) में अजीब तरह का मामला सामने आया। रेलवे ने ट्रेन में बीई-1 (थर्ड एसी) कोच ही नहीं लगाया था। इसका कारण एसी खराब या कूलिंग कम होने की समस्या नहीं थी, बल्कि रेलवे ने ट्रेन से एक माह पहले ही एसी कोच हटा दिया था, लेकिन सिस्टम से नहीं हटाया और टिकट जारी हो गए। गुरुवार को जब यात्री ट्रेन पर पहुंचे तो उन्हें कोच ही नहीं मिला। तभी एक यात्री की नजर नॉन एसी कोच पर पड़ी, जिस पर बीई-1/एसएल लिखा था। इसे देख यात्री असमंजस में पड़ गए। बाद में इसी ट्रेन से जैसलमेर जा रहे शुभम गौड़ ने अन्य यात्रियों को बताया कि हमें इसी नॉन एसी कोच में यात्रा करनी पड़ेगी। रेलवे ने इसका मैसेज किया है। रेलवे ने एसी का अस्थायी कोच हटा दिया था, लेकिन सिस्टम में चलता रहा, बुकिंग भी दे दी दरअसल, रेलवे ने दिसंबर में ट्रेनों में भीड़ को देखते हुए थर्ड एसी श्रेणी का एक अतिरिक्त कोच ट्रेन में लगाया था। रिजर्वेशन एक्सपर्ट अजय कश्मीरी और नीरज चतुर्वेदी ने बताया कि इसे 1 जनवरी तक लगाया गया था। इसके बाद हटा दिया गया, लेकिन सिस्टम से नहीं हटाया। ऐसे में कोच में 2 जनवरी के लिए भी 64 यात्रियों की बुकिंग कर ली गई। बाद में जब इस चूक का पता लगा तो दूसरा थर्ड एसी कोच ढूंढा गया, लेकिन जयपुर में नहीं मिला। ऐसे में रेलवे ने यात्रियों को मैसेज के जरिए सूचना देकर, काम खत्म किया। ऐसे में यात्रियों को सर्द रात में 10 घंटे तक परेशानी वाली यात्रा करनी पड़ी। रेलवे का कहना है कि यात्रियों को फुल रिफंड और डिफरेंस के लिए टीडीआर का विकल्प दिया है। फुल रिफंड का ऑप्शन, फिर भी कई यात्रियों को 3 साल से नहीं मिला
