राष्ट्र सेविका समिति ने रविवार को विजयदशमी के अवसर पर शस्त्र पूजन का आयोजन किया। यह कार्यक्रम हाउसिंग बोर्ड स्कूल के सामने वाले मैदान में आयोजित हुआ, जिसमें समिति के 90वें स्थापना दिवस को चिह्नित किया गया। इस दौरान सेविकाओं ने “सौगंध राम की खाते हैं, भारत को भव्य बनाएंगे” जैसे भावों को दोहराया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि अम्बिका राणावत और मुख्य वक्ता प्रियदर्शिनी वैष्णव द्वारा दीप प्रज्ज्वलन, शस्त्र पूजन और ध्वजारोहण के साथ हुआ। इससे पहले दिव्यांशी ने शाखा लगाई। राष्ट्र सेविका समिति की सह कार्यवाहिका अनिता चव्हाण ने अतिथियों का परिचय करवाया और दो खंडों को ध्वज प्रदान किए। रीटा सोनी ने ध्वज चढ़ाया, जबकि रश्मि बिष्ट ने प्रार्थना करवाई। मुख्य अतिथि अम्बिका राणावत ने इस अवसर पर शस्त्र पूजन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शस्त्रों का इतिहास आदिकाल से है और जो धर्म की रक्षा करते हैं, धर्म उनकी रक्षा करता है। राणावत ने स्पष्ट किया कि शस्त्र पूजन हथियारों या धातु की आराधना नहीं है, बल्कि यह हमारे साहस, विजय और आत्मगौरव की आराधना है। उन्होंने आगे कहा कि ये शस्त्र हमारे आत्मबल के प्रतीक हैं। हमारी गौरवशाली संस्कृति में शस्त्र पूजन की परंपरा वीरता, आत्मरक्षा, साहस और सामर्थ्य का अद्वितीय प्रतीक मानी जाती है। उन्होंने कहा कि सन् 1936 से स्थापित राष्ट्र सेविका समिति विगत 9 दशकों से भी अधिक समय से महिलाओं के बौद्धिक, आध्यात्मिक, मानसिक, शारीरिक विकास के लिए कार्यरत है।