राज्य सरकार ने किए तीन बड़े फैसले:रीट…पहली बार बायोमैट्रिक जरूरी, डाटा सुरक्षित रखना होगा, सेलेबस से ही सवाल

प्रदेश में 27 फरवरी को प्रस्तावित रीट 2024 को पारदर्शिता से कराने को लेकर राज्य सरकार ने तीन बड़े फैसले किए हैं। पहली बार परीक्षा में बायोमैट्रिक का उपयोग किया जाएगा। ताकि न केवल गड़बड़ी को रोका जा सके बल्कि डमी अभ्यर्थियों भी तुरंत पकड़ में आएं। संवेदनशील केंद्रों पर सीसीटीवी लगाए जाएंगे। इसका खर्च रीट आयोजन की नोडल एजेंसी राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड उठाएगा। बोर्ड को सरकार ने सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी कीमत पर अभ्यर्थियों का डाटा लीक नहीं होना चाहिए। वहीं, परीक्षा में तय किए गए पाठ्यक्रम में से ही सवाल पूछे जाएं। प्रारंभिक शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई मीटिंग में यह निर्णय किए गए हैं। रीट में करीब 15 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों के बैठने का अनुमान है। आवेदन 15 जनवरी तक होंगे। सरकार के तीनों बड़े फैसलों को ऐसे समझें बायोमैट्रिक डाटा से ही फिर शिक्षक भर्ती होगी रीट में नोडल एजेंसी की ओर से बायोमैट्रिक का उपयोग आवश्यक रूप से करना होगा। जिस फर्म को जिम्मेदारी दी जाएगी उसे अभ्यर्थियों का डाटा सुरक्षित रखना होगा। यही डाटा आगामी अध्यापक भर्ती परीक्षा में नोडल एजेंसी राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा उपयोग में किया जाएगा। बायोमैट्रिक से डमी अभ्यर्थी पर लगाम लगेगी। सरकार को पांच जनवरी तक केंद्रों की रिपोर्ट देनी है सरकार ने जिलों में केंद्र बनाने के लिए जिलों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है। 5 जनवरी तक केंद्रों की रिपोर्ट सरकार को सौंपनी है। संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे नोडल एजेंसी यानी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को लगाने होंगे। ऐसे में कितने केंद्र होंगे, इसकी जानकारी पांच जनवरी के बाद आएगी। डीएलएड और बीएड पाठ्यक्रम से सवाल शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में मीटिंग में स्पष्ट किया गया कि रीट परीक्षा में डीएलएड व बीएड पाठ्यक्रम से संबंधित सवाल ही पूछे जाएंगे। इस पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्न किसी भी स्थिति में नहीं पूछे जाएं। ताकि, प्रश्नों को लेकर परीक्षा के बाद किसी तरह का कोई सवाल नहीं उठे। ब्लैक लिस्टेड अभ्यर्थियों की सूची सार्वजनिक होगी मुख्य सचिव करेंगे वीसी 27 फरवरी को परीक्षा है और इससे दस दिन पहले मुख्य सचिव सुधांश पंत वीसी से राज्य स्तरीय मीटिंग करेंगे।