भजनलाल सरकार की कैबिनेट में आज 9 जिलों को खत्म करने का फैसला किया है। इसके बाद जयपुर ग्रामीण और सबसे छोटा जिला दूदू फिर से जयपुर में शामिल किए गए हैं। हालांकि पिछली गहलोत सरकार के समय बने इन दोनों में से जयपुर ग्रामीण जिले में नया कलेक्टर नहीं लगाया था। इस कारण जयपुर कलेक्टर के पास ही जयपुर ग्रामीण जिले का भी प्रभार रखा है। दरअसल, गहलोत सरकार ने साल 2023 में नए जिले बनाकर जयपुर जिले के टुकड़े करके चार जिलों का निर्माण किया। इसमें एक हिस्सा कोटपूतली था, जिसे बहरोड़ के साथ जोड़कर नया जिला बनाया गया। इसके अलावा दूदू, जयपुर ग्रामीण के नाम से दो अन्य जिले बनाए गए थे। मूल जयपुर जिला केवल नगर निगम के एरिया तक ही सीमित रखा गया। नहीं लगाया कोई नया कलेक्टर गहलोत सरकार ने भले ही जयपुर जिले को तोड़कर दूदू और जयपुर ग्रामीण नाम से दो नए जिले बना दिए हो, लेकिन तमाम प्रशासनिक अधिकार और शक्तियां तब से अब तक जयपुर कलेक्टर के पास ही रही। चुनाव के समय तमाम कार्य जयपुर कलेक्टर की ही मॉनिटरिंग में किए गए। हालांकि दूदू में अर्तिका शुक्ला को 2 फरवरी 2024 तक सरकार ने कलेक्टर बनाए रखा और बाद में हनुमानमल ढाका को कलेक्टर बनाया। लेकिन एसीबी की कार्यवाही के चलते हनुमानमल ढाका को सरकार ने एपीओ कर दिया। जिसके बाद से इस जिले के कलेक्टर का चार्ज भी जयपुर कलेक्टर को ही दे दिया गया। अब नए परिसीमन में ये तहसील हो जाएगी जयपुर जिले में शामिल भजनलाल सरकार के आज के फैसले के बाद अब जयपुर जिले का नए सिरे से परिसीमन होगा। इसके तहत जयपुर जिले में अब 21 तहसील और 16 उपखंड का जिला हो जाएगा। ये जिले फिर जयपुर में जोड़े गए
