रणथम्भौर टाइगर रिजर्व हाल ही में अनियमितताओं के कारणों से चर्चा में रहा है। यहां अनियंत्रित तीर्थयात्रियों के आने और बाघों के इंसानों के बहुत करीब आने के कारण रणथम्भौर में एक सात वर्षीय तीर्थयात्री और दूसरा वन विभाग का रेंजर था। सुप्रीम कोर्ट में आज रणथम्भौर नेशनल पार्क से संबंधित याचिका पर सुनवाई करेगा। आपको बता दें कि पर्यावरणविद भी बाघ अभयारण्य के अंदर वाहनों की आवाजाही पर लगातार आपत्ति जता रहे हैं। फिलहाल रणथम्भौर के 400 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा वनक्षेत्र में 10 जोन हैं। जहां पर्यटकों को टाइगर सफारी जाने की अनुमति है। पर्यावरणविदों का कहना है कि इस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। क्योंकि बाघों को इससे परेशानी होती है। फिलहाल रणथम्भौर में बाघों की संख्या बहुत ज्यादा है। जिससे यहां बाघों के बीच टेरेटोरियल फाइट देखने को मिली है। हाल ही में इंसानों के बाघिन के शावकों के साथ खेलने और टाइगर के सामने जंगल में रील बनाने का वीडियो सामने आया था। क्षेत्रीय विधायक और मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा रणथम्भौर में लापरवाही को लेकर अधिकारियों कई बार फटकार लगा चुके हैं। इन्हीं सभी अनियमितताओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिस पर आज सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस स्थिति पर नाराजगी जताई है और मामले को आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने अवैध खनन पर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रणथम्भौर टाइगर रिजर्व (आरटीआर) के मुख्य क्षेत्र के अंदर अवैध खनन गतिविधियों को “गंभीरता” से लेते हुए राजस्थान सरकार को अवमानना कार्यवाही की चेतावनी दी थी। कोर्ट ने टाइगर रिजर्व की सुरक्षा के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग करने वाली एक अर्जी पर भी राज्य सरकार से 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है। याचिका में दावा किया गया था कि रिजर्व के अंदर वाहनों और लोगों की अनियंत्रित आवाजाही, अवैध खनन और अनधिकृत निर्माण के कारण रणथंभौर में बाघ गंभीर खतरे में हैं, जो राज्य सरकार और शीर्ष अदालत के पारित आदेशों का घोर उल्लंघन है। केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) – पर्यावरण मुद्दों पर सर्वोच्च न्यायालय की सहायता करने वाली विशेषज्ञ वैधानिक समिति – ने गवाही दी कि अवैध खनन और वाहनों की आवाजाही के आरोप सही थे।न्यायालय की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता के परमेश्वर ने कहा: “यह बहुत खराब स्थिति है। हमें राज्य के एक मंत्री द्वारा वन अधिकारियों को धमकाते हुए वीडियो मिले हैं, जिसमें वे कह रहे हैं कि आप केवल हमारी अनुमति से ही प्रवेश कर सकते हैं। स्थिति बहुत गंभीर है, क्योंकि जंगल के अंदर वाहनों की भारी आवाजाही है। सीईसी को रिजर्व के मुख्य क्षेत्र के अंदर अवैध खनन की पुष्टि मिली है। इसी याचिका पर आज सुनवाई होगी।
