भीलवाड़ा जिले में 68 कॉलेज, 60 हजार स्टूडेंट, यूनिवर्सिटी की जरूरत

भास्कर संवाददाता | भीलवाड़ा भीलवाड़ा के आस-पास के जिलों के स्टूडेंट्स की शिक्षा में उन्नति और उनके कॅरिअर को गति देने के लिए एमएलवी यूनिवर्सिटी की मांग जोर पकड़ने लगी है। भीलवाड़ा में यूनिवर्सिटी बनाए जाने के लिए जरूरी मापदंडों और मजबूत पहलुओं को आधार बनाकर जिले के सातों विधायकों और सांसद दामोदर अग्रवाल को एमएलवी कॉलेज प्राचार्य राजकुमार चतुर्वेदी ने दावेदारी रखी है, जिससे विधानसभा में यह मांग रखी जाए। भीलवाड़ा में यूनिवर्सिटी के मुद्दे को विधानसभा में उठाने का आश्वासन जिले के विधायकों ने दिया है। भीलवाड़ा में यूनिवर्सिटी खुलती है तो जिलेभर के छात्र-छात्राओं को फायदा होगा। सांसद अग्रवाल ने भी संसद के जरिए भीलवाड़ा में यूनिवर्सिटी बनाने की बात रखेंगे। भीलवाड़ा में यूनिवर्सिटी बनाने के लिए चतुर्वेदी ने सबसे मजबूत पक्ष उच्च शिक्षा में बालिकाओं का ड्रॉप आउट होना बताया है। स्नातक करने के बाद 50 प्रतिशत बालिकाएं हायर एजुकेशन में जाती ही नहीं हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा आरक्षित और अल्पसंख्यक वर्ग की बालिकाएं शामिल हैं। भीलवाड़ा जिले के सभी कॉलेज एमडीएस यूनिवर्सिटी अजमेर से संबद्ध है। जिला मुख्यालय से अजमेर यूनिवर्सिटी की दूरी 130 है। दूरी ज्यादा होने के कारण भी कई स्टूडेंट्स वहां नहीं जा पाते और किसी न किसी कारण आगे की पढ़ाई छोड़ देते हैं। इनमें छात्राओं की संख्या ज्यादा है। यूनिवर्सिटी लेवल पर पिछले कई वर्षों से इतनी गलतियां हो रही हैं कि एमएलवी कॉलेज में हर महीने एक हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी में जाकर गलतियां सुधरवाने के लिए आते हैं। हर स्टूडेंट का इतनी दूर जाकर यूनिवर्सिटी स्तर पर गलतियां सुधरवाना संभव नहीं हो पाता है। इसलिए वे कॉलेज आकर यह काम करवाना चाहते हैं। स्टूडेंट्स के सामने यह बहुत बड़ी परेशानी बनी रहती है। हर साल भीलवाड़ा जिले के कॉलेजों से 12 से 15 हजार स्टूडेंट्स को अजमेर यूनिवर्सिटी के चक्कर लगाने ही पड़ते हैं। उनके पास दूसरा विकल्प नहीं है। इसीलिए छात्राएं हायर एजुकेशन में जाने से बचती हैं। इसके अलावा अकेले भीलवाड़ा जिले में लगभग 68 कॉलेज हैं जिनमें 60 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं। इसलिए भीलवाड़ा में यूनिवर्सिटी खुलना आज के समय की जरूरत है। क्षेत्रवार और जनसंख्या के आधार पर भी यहां राज्य सरकार की एक यूनिवर्सिटी बनना जरूरी है। इसके लिए छात्रसंघों ने भी समय-समय पर प्रदर्शन कर मांग रखी है। यूनिवर्सिटी बनने के लिए एमएलवी कॉलेज में हो रही हैं नई-नई रिसर्च स्टडी और इनोवेशन… यूनिवर्सिटी स्तर पर रिसर्च स्टडीज और नए-नए विषयों पर रिसर्च किए जाते हैं। एमएलवी कॉलेज में 60 से ज्यादा पीएचडी की हुई फैकल्टी है। इसलिए कॉलेज में पिछले डेढ़ साल में 5 से 6 स्थानीय विषयों पर रिसर्च करवाई जा रही है। रिसर्च को लेकर कॉलेज में लगातार सेमिनार करवाई गई है, जिसमें रिसर्च स्कॉलर्स भाग लेते हैं और रिसर्च पर काम कर रहे हैं। राज्य और केंद्र सरकारें भी रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। हायर एजुकेशन में रिसर्च का महत्त्व बहुत है, इसलिए एमएलवी कॉलेज का फोकस रिसर्च पर बढ़ाया जा रहा है।