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भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ पहुंचे अजमेर:बोले- उपचुनाव में कांग्रेस की औकात जिसकी भागदौड़ डोटासरा के पास थी वह स्वत सामने आ गई - Bharatpur Blog

भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ पहुंचे अजमेर:बोले- उपचुनाव में कांग्रेस की औकात जिसकी भागदौड़ डोटासरा के पास थी वह स्वत सामने आ गई

राजपूत समाज के गुरु भगवान सिंह की स्मृति में शुक्रवार को अजमेर में कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम में भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ पहुंचे। इस मौके पर राठौड़ ने कहा कि कुछ दिन पहले उपचुनाव हुए थे, उसमें कांग्रेस की औकात जिसकी भागदौड़ डोटासरा के पास थी वह स्वत सामने आ गई थी। डोटासरा खुद के गिरेबान में झांक ले तो ज्यादा अच्छा होगा। उन्होंने गहलोत के बयान पर कहा कि मैंने देखा है कि एक के बाद एक जिले घोषित करते जा रहे थे। किसी ने पर्ची भेजी और वह जिला बन गया था। राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि अजमेर के अंदर आज अनूठा कार्यक्रम हुआ है। गुरु-शिष्य परंपराएं कैसी होती हैं, क्या संबंध होते हैं यह आज परलेक्षित हुआ। 40 वर्ष बाद भगवान सिंह ने जिनको बास्केटबॉल खेल में तराशा बनाया उच्च पदों पर बैठे लोग पूरे देश से कार्यक्रम में पहुंचे और श्रद्धांजलि दी। आज सभी लोगों ने मिलकर तय किया कि बास्केटबॉल के परमपिता रहे भगवान सिंह जी उनकी याद में राष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट होना चाहिए। उन्हें द्रोणाचार्य अवार्ड मिले यह यहां के लोगों की मांग थी। उन्होंने कहा कि खेल की दुनिया में हिंदुस्तान जिस कदम से आगे बढ़ रहा है, इस प्रकार के लोगों की प्रेरणा रहेगी तभी हम खेल की दुनिया में भी उच्च पदों पर दुनिया में पहुंचेंगे। भजनलाल सरकार का शशिक फैसला राठौड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सवाल पर कहा कि गहलोत शायद भूल गए होंगे। यह विधानसभा के अंतिम सत्र के अंतिम बैठक थी। प्रतिपक्ष नेता के रूप में बैठक में मैं भी मौजूद था। मैंने भी देखा है कि एक के बाद एक जिले घोषित करते जा रहे थे। किसी ने पर्ची भेजी और वह जिला बन गया। जिस प्रकार जिले बनाए गए ना तो बाउंड्री देखी गई न वित्त संसाधन देखे गए और ना ही जनसंख्या का मापदंड देखा गया। ना ही राम लुगाया कि कमेटी ने जिन 7 जिलों की प्रशंसा की थी उस यथायथ बड़के के 10 जिले बन जाए और तीन संभाग बन जाए। एक जिला बनाने के लिए 3000 करोड़ की आवश्यकता है। मानव संसाधन की आवश्यकता है। लेकिन उसकी चिंता नहीं करते हुए चुनाव की वेतनी पार करने के लिए जब यह फैसले होते हैं, उनको प्रोयगिक फैसले करने के लिए आने वाले लोगों को फैसला लेना पड़ता है। भजनलाल सरकार का फैसला शशिक फैसला है। इससे एक सबक मिलेगा की जो सरकार धरती पर चलती है, जल कल्याण के लिए उसमें और जो सरकार वोट के लिए घोषणा डर घोषणा करती है दोनों कितना अंतर है। डोटासरा अपने खुद के गिरेबान में झांके डोटासरा के औकात वाले बयान पर राठौर ने कहा कि डोटासरा को मालूम पड़ जाएगा की इस लोकतंत्र में कौन किसकी याद दिलाता है। आज से कुछ दिन पहले उपचुनाव हुए थे, उसमें कांग्रेस की औकात जिसकी भागदौड़ डोटासरा के पास थी स्वत सामने आ गई थी। खुद के ग्रेभान में झांक ले तो ज्यादा अच्छा होगा।