बीकानेर ब्लास्ट, लोग बोले- ऐसे लगा मिसाइल फटी हो:ज्वेलरी शॉप में 9 लोगों की जान गई थी, खतरनाक केमिकल, 11 एलपीजी सिलेंडर मिले

बीकानेर में एक 5 मंजिला दुकान के बेसमेंट में संचालित एक ज्वेलरी शॉप में बुधवार को हुए ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। यह धमाका सिलेंडर फटने से हुआ या कोई और वजह थी, असली कारण अभी सामने नहीं आए हैं। लोगों ने बताया कि भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच यह धमाका किसी मिसाइल हमले जैसा लगा था। धमाका इतना तेज था कि दुकान के नीचे के 2 फ्लोर तबाह हो गए। हालांकि मलबे से बेसमेंट में 11 एलपीजी सिलेंडर निकले हैं, लेकिन सिलेंडर फटने का कोई सुराग नहीं मिला है। भास्कर टीम हादसे की पड़ताल के लिए ग्राउंड जीरो पर पहुंची। इतने बड़े हादसे के पीछे कई लापरवाही सामने आई। चौंकाने वाली बात यह है कि छोटी सी जगह पर कमजोर नींव पर 2 मंजिला बेसमेंट खोद रखा था। उसके ऊपर 3 मंजिल में दुकानें बनाई गई थी। धमाका सबसे आखिरी वाले बेसमेंट में हुआ। पढ़िए ये रिपोर्ट… बेसमेंट के नीचे अवैध बेसमेंट, इसी में गई 9 जानें
बुधवार की सुबह मदान मार्केट खुला ही था। बाजार में चहल-पहल अभी शुरू नहीं हुई थी। अचानक 10 बजकर 9 मिनट पर बीकाणा ज्वेलरी शॉप के बेसमेंट में अचानक धमाका हुआ। देखते ही देखते मलबे का ऐसा गुबार उठा कि अफरा-तफरी का माहौल हो गया। धमाका इतना जोरदार था कि बेसमेंट में बने दोनों फ्लोर और ऊपर बने 3 मंजिल चंद सेकेंड में धराशायी हो गए। शहर के कोतवाली थाने के सामने बनी करीब 12x30x15 फीट चौड़ी, लंबी और गहरे इस निजी मार्केट के मालिक राजकुमार मदान है। पांच फ्लोर में से दो फ्लोर बेच दिए हैं, जबकि ग्राउंड फ्लोर और नीचे के दोनों बेसमेंट का किराया उनको मिलता था। आस-पास के लोगों ने बताया कि मकान मालिक ने मना करने और प्रशासन को शिकायत करने के बावजूद पहले एक बेसमेंट और दो-तीन साल पहले सबसे नीचे वाला बेसमेंट बनाया। इसकी फर्श से ऊंचाई बमुश्किल 7 फीट होगी। इसी लोअर बेसमेंट में ज्वेलरी की गढ़ाई, ढलाई और पॉलिश का काम चलता था। हादसे के वक्त उस दुकान में सिर्फ दुकान मालिक और कारीगर ही मौजूद थे। पत्थर की कमजोर पटि्टयों पर लोहे के एंगल से छत डाली हुई थी। सबसे नीचे वाले एंगल पर ही सबसे अधिक बोझ था। ब्लास्ट इतना जबरदस्त था कि लोहे के मोटे एंगल भी मुड़ गए। फर्स्ट बेसमेंट और उसके ऊपर बने ग्राउंड फ्लोर की छत और दीवारें भी दो से तीन फीट पीछे जा गिरी। धमाके का असर दुकान के पीछे बने मकानों पर भी रहा। दहशत में लोग घरों में ताले मारकर अपने रिश्तेदारों के यहां शिफ्ट हो गए। मदान मार्केट के ऊपर के दोनों फ्लोर के भी गिरने का खतरा बना हुआ है। बाद में रेस्क्यू टीम ने काम शुरू किया। करीब 40 लोग मौजूद थे, दूसरी मंजिल से कूदकर भागे लोग
स्थानीय लोगों ने बताया कि भारत-पाक तनाव के बीच यह धमाका हुआ तो लगा कि पाकिस्तान की तरफ से कोई हमला हुआ है। पूरे मार्केट में धुआं और चीख-पुकार मच गई। जहां धमाका हुआ उस दुकान के पांचों फ्लोर पर कस्टमर सहित करीब 40 लोग मौजूद थे। पास में ही एक चायवाले ने बताया कि वह कुछ देर पहले 35 चाय देकर आया था। ब्लास्ट होते ही ग्राउंड फ्लोर और ऊपर की मंजिलों से लोग जान बचाकर बाहर निकले। कई लोगों ने दूसरी मंजिल की खिड़कियों से बगल वाली छतों पर कूदकर अपनी जान बचाई। जो जहां बैठा था, वहीं रह गया, हिलने का भी मौका नहीं मिला
रेस्क्यू में शामिल रहे एसडीआरएफ टीम के विष्णु विश्नोई ने बताया हालात इतने भयावह थे कि रेस्क्यू शुरू कहां से करें, यह समझ ही नहीं आ रहा था। सबसे पहले घायलों को अस्पताल पहुंचाया। फिर सीढ़ियों और रस्सियों की मदद से बेसमेंट में उतरे। ऐसा लग रहा था, जैसे कोई बम फटा हो। दबी-कुचली लाशें ऐसे थी, जैसे जो जिस जगह बैठा था, वो वहीं बैठा रह गया हो। किसी को हिलने या बचकर भागने का भी मौका नहीं मिल सका था। उनके चेहरे तक पहचान नहीं आ रहे थे। पहले तीन और बाद में पांच शव निकाले। एक घायल की अस्पताल में मौत हुई है। अभी तक 16 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। 11 लोगों को बेसमेंट के मलबे से निकाला गया, जिनमें से 9 लोगों की मौत हुई है। 2 गंभीर घायल है और 5 सामान्य घायल हुए थे। मलबे में दबे परिजनों को ढूंढते हुए पहुंचे परिवार
देशनोक से कुछ परिवार अपने बच्चों को ढूंढते हुए हादसे वाली जगह पहुंचे थे। उनका कहना था कि उनके दो बच्चे भी अभी लापता है। हो सकता है मलबे में वो भी दबे हों। परिवारों ने प्रशासन पर रेस्क्यू ऑपरेशन रोकने को लेकर नाराजगी जाहिर की। धमाके की हो सकती हैं तीन वजह
हादसा क्यों और कैसे हुआ इसे लेकर तीन थ्योरी सामने आई। हालांकि अभी तक कोई पुष्ट जानकारी नहीं है। 1. घरेलू गैस सिलेंडर में लीकेज?
एसडीआरएफ टीम ने बेसमेंट की अलग-अलग दुकानों से कुल 11 एलपीजी सिलेंडर बाहर निकाले हैं। इनमें से सिर्फ एक सिलेंडर कॉमर्शियल यूज का था बाकि सारे घरेलू सिलेंडर थे। सभी में गैस भरी हुई थी। उनमें कोई कोई भी क्षतिग्रस्त नहीं था। चेक किया गया तो दो-तीन सिलेंडर लीकेज मिले। ऐसे में सिलेंडर में ब्लास्ट की सबसे ज्यादा आशंका है। हालांकि अभी तक मलबे में फटे हुए सिलेंडर के कोई अवशेष नहीं मिले हैं। इसलिए शुरुआती जांच में सिलेंडर से विस्फोट होने की बात से टीम इनकार कर रही है। 2. कंप्रेशर में विस्फोट?
दूसरी थ्योरी मार्केट में काम करने वाले कुछ दुकानदारों की है। उनके मुताबिक सोने की गढ़ाई या डिजाइनिंग में कंप्रेशर मशीन काम में आती है। हो सकता है उसी मशीन में ब्लास्ट होने से यह हादसा हुआ हो। एसडीआरएफ की टीम भी इसे एक आशंका मान रही है। 3. एसी में शॉर्ट सर्किट से ब्लास्ट?
हर दुकान में एसी लगा हुआ था। माना जा रहा है कि गर्मी और शॉर्ट सर्किट से एसी में ब्लास्ट हुआ, जिसके बाद दुकान में रखी कंप्रेशर मशीन फटी और फिर गैस सिलेंडर भी इसकी चपेट में आ गए हों। हालांकि तीनों ही वजहों पर प्रशासन और पुलिस खुलकर कुछ भी बोलने से बच रही है। केमिकल, तेजाब और गंधक का स्टॉक भी एक वजह
इसी मार्केट में काम करने वाले राजेश कुमार सोनी ने बताया कि हम दुकान में जो कंप्रेशर इस्तेमाल करते हैं, वह बम की तरह काम करता है। उसका विस्फोट इतना जबरदस्त हो सकता है कि 50 से 100 मीटर के दायरे को साफ कर सकता है। सोने की ज्वेलरी बनाने में गंधक, तेजाब, सोरे का तेजाब और दूसरे ज्वलनशील केमिकल भी इस्तेमाल होते हैं। छोटे और बड़े ज्वेलर्स अपनी क्षमता और जरूरत के हिसाब से इसका स्टॉक भी वर्कशॉप में रखते हैं। हो सकता है केमिकल ने आग पकड़ी हो और फिर यह विस्फोट बन गया हो। 12 बजे हादसा होता तो ज्यादा लोग मरते
लोगों का कहना है कि मार्केट में आमतौर पर 12 बजे के आसपास ही चहल पहल होती है। यही वजह रही कि हादसे में मरने वालों की तादाद कम रही। अगर यह हादसा 12 बजे के आसपास होता तो 100 से ज्यादा लोगों के चपेट में आने की आशंका हो जाती। अस्पताल में कई गंभीर हालत में भर्ती
पीबीएम में भर्ती सुशील सोनी और समीर 80 फीसदी झुलसे हुए हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि इनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। सुशील सोनी के बेटे धीरज सोनी ने बताया कि उनकी दुकान ग्राउंड फ्लोर से नीचे वाले बेसमेंट में थी। पापा रोज की तरह सुबह 10 बजे दुकान गए थे। हमें 10.45 बजे सूचना मिली कि हादसा हो गया है। रमजान अली ने बताया कि उनका बेटा समीर (17) असलम की दुकान में सोने की जड़ाई का काम सीखने जाता था। घर में उसके कमाने से बहुत मदद मिलती थी। मैं खुद पेंट करने का काम करता हूं। हादसे के वक्त हमारे पड़ोसी मिर्जा मार्केट के पास ही थे। उनके घर आ कर बताने के बाद हमें मालूम चला। बेटा चार भाई-बहनों में अकेला है। पूरा शरीर झुलस गया है। लापरवाही किसकी, जांच कर रही पुलिस
फिलहाल पुलिस और प्रशासन हादसे की जांच में जुटा है। एक एफआईआर भी दर्ज की गई है] लेकिन अभी उसमें किसी को नामजद नहीं किया गया है। वहीं पुलिस की प्राथमिकता व्यापारियों को उनका कीमती सामान दिलाना उनकी सुरक्षा और मलबे को पूरी तरह हटाना है। ………………………………………………………….. सिलेंडर ब्लास्ट से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… बीकानेर सिलेंडर ब्लास्ट में 9 मौत, आज 5 शव मिले:दुकानदार बोले- धमाका सुनकर लगा कि एयर स्ट्राइक हुई है, लाखों का गोल्ड मलबे में दबा बीकानेर में हुए सिलेंडर ब्लास्ट में गुरुवार को मलबे से 5 और शव निकाले गए। वहीं एक घायल ने हॉस्पिटल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस हादसे में मरने वालों की संख्या अब 9 हो गई है। दरअसल, शहर के मदान मार्केट में बुधवार सुबह करीब 11 बजे सिलेंडर ब्लास्ट हुआ था। धमाका इतना जोरदार था कि बेसमेंट में बने दो फ्लोर ढह गए। पढ़ें पूरी खबर…