भरतपुर के सेवर थाना इलाके एक ट्रैक्टर-ट्रॉली ने दो बाइक सवार लोगों को टक्कर मार दी। एक्सीडेंट में एक युवक की मौत हो गई और एक घायल हो गया। मृतक युवक सतेंद्र कुमार डोगरा रेजिमेंट में तैनात था। वह अपनी बहनों से मिलने के लिए सेवर थाना इलाके के गांव धांधोली आया था। गुरुवार को वह वापस अपने घर आगरा जा रहा था। वह उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के अकोला गांव का रहने वाला था। वह चार बहनों का इकलौता भाई था। सतेंद्र के पिता की चार साल पहले और बड़े भाई की दो साल पहले मौत हो चुकी है। मृतक के जीजा सुभाष ने बताया कि सतेंद्र कुमार (19) बेंगलुरु में डोगरा रेजिमेंट में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात था। मार्च में ट्रेनिंग पर गया था। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद नवंबर में ही उसकी जॉइनिंग हुई थी। 21 दिसंबर को छुट्टी पर अपने घर आया था। 5 जनवरी को उसे अयोध्या में रिपोर्ट करना था। सतेंद्र की चार बहनें हैं। जिसमें से दो बहनों की शादी भरतपुर के रुदावल कस्बे में हुई है और दो बहनों की शादी सेवर थाना इलाके के धांधोली गांव में हुई है। सतेंद्र अपनी दोनों बहनों से मिलने के लिए कल धांधोली गांव आया था। टक्कर मारकर ड्राइवर हुआ फरार आज वह अपनी बहनों से मिलने के बाद वापस अपने गांव अकोला जा रहा था। वह करीब 12 बजे करीब निकला था और 10 किलोमीटर दूर उसका एक्सीडेंट हो गया। सतेंद्र के साथ उसकी बहन का देवर सोनू कुमार भी था, जो भरतपुर तक सतेंद्र के साथ जा रहा था। तभी लुधावई टोल के पास पीछे से आ रहे एक ट्रैक्टर ट्रॉली ने सतेंद्र की बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर मारने के बाद ड्राइवर ट्रैक्टर छोड़कर फरार हो गया। घटना को देख मौके पर काफी लोग इकट्ठे हो गए। जिसके बाद उन्होंने दोनों को आरबीएम अस्पताल पहुंचाया। जहां सतेंद्र को मृत घोषित कर दिया। सतेंद्र को पैर, सिर, गर्दन सहित शरीर में जगह-जगह चोट आईं थी। वहीं सोनू के परिजन उसे निजी अस्पताल में ले गए। जहां उसका इलाज जारी है। सोनू भरतपुर में रहकर रीट की तैयारी कर रहा है। वह सतेंद्र के साथ अपने घर से भरतपुर अपने कमरे पर आ रहा था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ट्रैक्टर को जब्त कर लिया है। ड्राइवर की तलाश की जा रही है। सतेंद्र के शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। परिजन उसके शव को आगरा ले गए हैं। सेवर थाना इंचार्ज रणवीर सिंह ने बताया-ट्रैक्टर को जब्त कर लिया गया है। ड्राइवर की तलाश की जा रही है। मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है। 200 साल पुराना है डोगरा रेजिमेंट का इतिहास डोगरा रेजिमेंट भारतीय सेना का एक अंग है। इसका मुख्यालय अयोध्या (उत्तर प्रदेश) में है। इस रेजिमेंट का इतिहास 200 साल पुराना है। इस रेजिमेंट का युद्धघोष ज्वाला माता की जय है। इनकी वर्दी खास है। डोगरा रेजिमेंट के ध्वज पर अंग्रेजी राज के दौरान ब्रिटिश हुकूमत का ताज होता था। भारत के आजाद होने के बाद भारतीय सेना का पुनर्गठन हुआ। डोगरा रेजिमेंट भारतीय सेना का हिस्सा बन गई। इसमें कुछ नए हिस्से भी शामिल किए गए। ब्रिटिश सेना की डोगरा पल्टनों के अलावा हिमाचल प्रदेश के मंडी, सुकेत, सिरमौर और चंबा के राजाओं की सेनाओं को डोगरा रेजिमेंट में मिला दिया गया। रेजिमेंट में शामिल हिमाचल के राजघरानों की फौज के झंडे आज भी डोगरा रेजिमेंट के हिस्से हैं। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान आपरेशन विजय के तहत टाइगर हिल मिशन पर पांचवी डोगरा बटालियन के जवानों को ही लगाया गया था जो पूरी तरह से सफल रहा।
