फर्जी FIR और पोस्टमार्टम पर एक की मौत पर दोहरे भुगतान सहित 15 मामले

भरतपुर | ब्यावर जिले में एमएडीबीवाई योजना में फर्जी दस्तावेजों से उठाए गए 5 लाख रु. की वसूली का ड्राफ्ट। गांव लूलवा जिला ब्यावर के नैनू सिंह की प|ी कमली देवी की 8 मई 2024 को मृत्यु हो गई थी। उन्होंने क्लेम के लिए आवेदन किया। जांच में आया कि इस दिन सीएचसी जवाजा से कोई पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी नहीं हुई। पुलिस थाना जबाजा में रोजनामचा रिपोर्ट संख्या 008 भी 8 मई 2024 को दर्ज नहीं थी। फर्जी पोस्टमार्टम व पुलिस रोजनामचा रिपोर्ट के आधार पर नैनू ने 5 लाख का भुगतान उठा लिया। विभाग ने एफआईआर की चेतावनी दी तो पैसे लौटा दिए। भरतपुर, धौलपुर समेत 7 जिलों में आए केस ब्यावर : FIR के दबाव में फर्जी कागजों पर उठाए 5 लाख लौटाए {मर्ग रिपोर्ट दर्ज ही नहीं, 5 लाख का क्लेम मिला…वार्ड 15 कस्बा वैर निवासी किशोरीलाल के नाम से वैर थाना में मर्ग रिपोर्ट दर्ज ही नहीं हुई है। जबकि फर्जी लाभार्थी पारो देवी पत्नी किशोरीलाल सैनी ने फर्जी पीएमआर व थाने में 19 नवंबर 2024 को फर्जी मर्ग रिपोर्ट के दस्तावेजों के आधार पर पैसा ले लिया। शेरपुर सूरौठ हिंडौन करौली निवासी विष्णु की सड़क हादसे में 20 मार्च 2023 को मृत्यु हो गई। वीरवती ने विष्णु को पुत्र बताते हुए सेवर थाने की एफआईआर व पोस्टमार्टम रिपोर्ट देकर 5 लाख रुपए ले लिए। फिर इन्हीं दस्तावेजों से बहनेरा सेवर निवासी ओमप्रकाशी ने विष्णु को दामाद बताते हुए दोबारा भुगतान उठा लिया। पिचूना उच्चैन भरतपुर निवासी हरेती की मृत्यु 7 जुलाई 2023 को हो गई। पिचूना की कैला देवी ने हरेती को पति बताकर सेवर थाना की एफआईआर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर 5 लाख रुपए क्लेम ले लिया। वहीं इन्हीं दस्तावेजों से अजान कुम्हेर की रामकली ने भी हरेती को पति बताकर पैसा उठा लिया। युवक को पुत्र और दामाद बता दो लोगों ने 5-5 लाख क्लेम लिया दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति को दो महिलाओं ने पति बता पैसा लिया इन जिलों में फर्जीवाड़ा मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा में बड़ा फर्जीवाड़ा मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना में प्रदेश भर में कई जिलों में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। लोगों ने फर्जी एफआईआर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर हादसे में मारे गए लोगों का दो-दो बार 5-5 लाख का फर्जी क्लेम उठा लिया। फिलहाल 7 जिलों में 15 लोगों के खिलाफ विभिन्न तरीके के फर्जीवाडे़ के मामले सामने आए है। इसमें ई-मित्र संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई है। भरतपुर में मौत एक जने की हुई और भुगतान दो जनों के लेने के 3 मामले आए हैं। इसके अलावा भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, टोंक, दौसा, ब्यावर, अजमेर में 15 लोगों के खिलाफ मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें फर्जी रिपोर्ट व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार से आवेदन किए हैं। वहीं अभी आगे जांच में और भी काफी संख्या में मामले सामने आ सकते हैं। भरतपुर जिले में 4, धौलपुर में एक जने और ब्यावर में एक जने सहित 6 जनों के खिलाफ तो एफआईआर तक दर्ज कराई जा चुकी है और बाकी जगह प्रक्रियाधीन है। ब्यावर जिले राज्य बीमा एवं प्रावि विभाग के सहायक निदेशक सीआर सिंगारिया ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आवेदन किया तो उसने 5 लाख रुपए विभाग को लौटा दिए।