चित्तौड़गढ़ में सबसे निकटवर्ती गांव लाल जी का खेड़ा में 11 से 14 जनवरी तक नरसीजी का चरित्र एवं नानी बाई का मायरा का कथा पाठ किया जाएगा। यह कथा पाठ प्रशासनिक संत राकेश पुरोहित करेंगे। इसके लिए जोरों-शोरों से तैयारियां की जा रही है। कथा के लिए अब तक दो क्विंटल पीले चावल बांट दिए गए हैं। 32 निमंत्रण कथा किए जा चुके है। हर निमंत्रण कथा में 700 से 800 लोगों की भीड़ जुटी है। 50 से ज्यादा प्रभात फेरियां भी हो चुकी है। इस कथा का मुख्य उद्देश्य लाल जी का खेड़ा में नंदिनी गौशाला के पास घायल और बीमार गौवंशों के लिए एक हॉस्पिटल बनाना है। यह हॉस्पिटल 100 बीघा जमीन पर बनाई जाएगी। इस कथा परिसर में दो स्लोगन के साथ सेल्फी प्वाइंट बनाया जा रहा है। तुलादान करके भी गायों के भोजन की व्यवस्था की जा सकती है। मकर संक्रांति पर भरा जाएगा मायरा ACEO राकेश पुरोहित ने बताया कि ओछड़ी ग्राम पंचायत के लाल जी का खेड़ा गांव में 11 से 14 जनवरी तक नरसीजी का चरित्र एवं नानीबाई का मायरा कथा का आयोजन होने जा रहा है। 11 जनवरी को सुबह 10 बजे कलश यात्रा से इसकी शुरुआत होगी। 11 से 14 जनवरी के सुबह 7 से 9 बजे तक गौ पुष्टि सुरभि यज्ञ का आयोजन होगा। आखरी दिन 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन नानी बाई का मायरा भरा जाएगा। इसके लिए कई दिनों से तैयारियां चल रही है। कमेटियों का गठन हो गया। 100 बीघा जमीन पर यह कथा की जाएगी। मौके पर साफ सफाई की जा चुकी है। 50 से ज्यादा कर चुके है प्रभात फेरियां उन्होंने बताया कि इस कथा के लिए दो क्विंटल पीले चावल बांट दिए गए हैं। 32 निमंत्रण कथाएं किया जा चुके हैं। हर कथा में 700 से 800 लोग एकत्रित हुए हैं। लगभग 50 से भी ज्यादा प्रभात फेरियां हो चुकी है। यहां से सुबह बसों में बैठकर अलग अलग गांवों में जाकर प्रभात फेरियां की है। कुछ दिन पहले मां मीराबाई, मां पन्नाधाय और कालिका माता को निमंत्रण देने के लिए सुभाष चौक से 1400 को भक्तों ने प्रभात फेरी करते हुए दुर्ग पर गए थे। मुख्य उद्देश्य गौवंशों के लिए हॉस्पिटल खोलना है ACEO पुरोहित ने बताया कि जब से चित्तौड़गढ़ पोस्टिंग हुई है। तब से इस बात पर ध्यान गया है कि घायल और बीमार गौवंशों के लिए कोई भी आगे नहीं आता है। गौवंशों के अस्पताल बनाने के लिए उसी दिन से मेरी तलाश शुरू हो गई थी। लगभग ढाई साल बाद यह तलाश पूरी हुई। बीते साल शरद पूर्णिमा पर अचानक लालजी खेड़ा में कथा करने का ऑफर आया था। कथा करते समय यह भाव आया कि अब मेरी खोज पूरी हुई। लालजी का खेड़ा चित्तौड़गढ़ शहर से सिर्फ 2 से 2.5 किलोमीटर दूर है। इसीलिए अगर यहां पर गौवंशों के लिए हॉस्पिटल बनेगा तो मदद जल्दी मिल सकती है। कथा में जो भी सहयोग राशि मिलेगी उससे नंदिनी गौशाला गौ हॉस्पिटल खोला जाएगा। दी जाएगी गौमाता को हर सुविधाएं इस 100 बीघा जमीन पर शुरुआती दौर पर एक ICU वार्ड, एक सेमी ICU वार्ड, 24*7 के लिए एंबुलेंस बनाया जाएगा। गौवंशों के लिए सर्दियों में हीटर और गर्मियों के लिए कूलर, पंखे और स्प्रिंकल लगाए जाएंगे। मुलायम मिट्टी बिछाई जाएगी। यहां बीमार और घायल गौवंशों को रखा जाएगा। उनका इलाज किया जाएगा। ठीक होने के बाद उन्हें निकटवर्ती गौशालाओं में शिफ्ट किया जाएगा। यहां 500 गायों को रखने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस कथा के लिए मुख्य द्वार से पांडाल तक गौ महिमा की आर्ट गैलरी बनाई जाएगी। जो भी भक्त अंदर आएगा वो पढ़ता हुआ आएगा ताकि पांडाल तक आते आते उसके मन में गौवंशों को लेकर प्रेम जाग सके। मायरा भरने वाले का किया जाएगा स्वागत उन्होंने बताया कि 14 तारीख मकर संक्रांति के दिन नानी बाई का मायरा भरा जाएगा। उसे दौरान 8-8 ढोल बजेंगे, दो क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियां से पुष्प वर्षा की जाएगी। बारी-बारी से अलग-अलग गांवों से भक्त आकर मायरा भरेंगे। जो आकर्षण का केंद्र होगा। सेल्फी प्वाइंट और तुलादान होगा आकर्षण का केंद्र उन्होंने बताया कि हमने दोस्त सेल्फी प्वाइंट भी बनाए हैं। एक में “मां, मैं तुम्हारी लाडली” और दूसरे में “मां, में तुम्हारा लाडला” लिखा होगा। दोनों में ही नीचे “मां मैं हूं ना” लिखा जाएगा। इसके अलावा तराजू रखे जाएंगे जहां पर तुलादान की परंपरा की जाएगी। भक्त अपने वजन के बराबर कोई भी गौग्रास की व्यवस्था कर सकता है। यह किसी का व्यक्तिगत प्रोग्राम नहीं है। यह जन-जन का प्रोग्राम है। इसलिए उन्होंने अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें भाग लेवे।
