राजस्थान के नागौर का जवान पश्चिम बंगाल में ऑन ड्यूटी शहीद हो गया। नागौर निवासी धाराराम पश्चिम बंगाल के रानी नगर(मुर्शिदाबाद) स्थित बीएसएफ की 156 बीएन बटालियन में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात थे। गुरुवार की रात करीब 8 बजे वैपन डिपॉजिट करवाते समय गलती से गोली चल गई, जो उनकी आंख पर लगी। इसके बाद रानी नगर के सीएच हॉस्पिटल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। शनिवार की सुबह पार्थिव देह पैतृक गांव पहुंची, जहां दोपहर सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। बीएसएफ के इंस्पेक्टर रमेश कुमार ने बताया- नागौर जिले के पुंदलू गांव निवासी धाराराम कमेड़िया (45) बहादुर जवान थे। वे पिछले 25 साल से बीएसएफ में तैनात थे। जब भी जवान अपनी ड्यूटी से वापस लौटते हैं तो वैपन को डिपॉजिट करते हैं। इस दौरान उन्हें चेक किया जाता है। गुरुवार की देर शाम वैपन जमा करते समय धाराराम वैपन चेक कर रहे थे। इस दौरान एक्सीडेंटल मिस फायर होने से हादसा हुआ। तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह पहुंची घर
धाराराम के शहीद होने की जानकारी मिलते ही उनके पैतृक गांव पुंदलू में शोक की लहर छा गई। शनिवार सुबह जब पार्थिव देह गांव पहुंची तो शहीद धाराराम कमेड़िया अमर रहें के जयघोष लगाए गए। सुबह 11 बजे घर से जब अंतिम यात्रा निकली तो बड़ी संख्या में लोग उसमें शामिल हुए। इस दौरान किसान आयोग अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी, मेड़ता विधायक लक्ष्मणराम कलरू, मेड़ता एसडीएम पूनम चोयल सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि अंतिम यात्रा में शामिल हुए और शहीद को श्रद्धांजलि दी। एम्स में डॉक्टर है बेटा
ग्रामीणों ने बताया- धाराराम के एक बेटा और एक बेटी है। बेटा मनीष (23) राजकोट एम्स में डॉक्टर है। वहीं बेटी प्रियंका (18) पढ़ाई कर रही है। 3 महीने बाद था रिटायरमेंट
परिजनों ने बताया- साल 2000 में धाराराम ने बीएसएफ को जॉइन किया था। 11 नवंबर को इनकी यूनिट पश्चिम बंगाल के रानी नगर में त्रिपुरा से आई थी। वे तीन महीने बाद रिटायर होने वाले थे। वे जब भी गांव आते थे, तो युवाओं को देशभक्ति का पाठ पढ़ाते थे और सेना में जाने के लिए प्रेरित करते थे।
