जैसलमेर के आर्मी कैंट में एक मादा चिंकारा हिरण घायल अवस्था में मिला। जानकारी मिलने पर वन्यजीव प्रेमी हरीश चौधरी ने हिरण को रेस्क्यू कर वन विभाग को सौंपा। मगर चिंकारा हिरण की जान नहीं बच पाई। हिरण की मौत पर वन्यजीव प्रेमियों ने दुख जताया है। वन विभाग के रेंजर राजकुमार ने बताया- मादा चिंकारा हिरण को आर्मी कैंट से रेस्क्यू कर वन विभाग लाया गया था। मगर हिरण काफी डरा हुआ था। वन विभाग में ही उसने दम तोड़ दिया। हमने मादा चिंकारा हिरण को दफना दिया। कैंट एरिया में तारबंदी में फंसकर हुआ था घायल
वन्यजीव प्रेमी हरीश चौधरी ने बताया कि थईयात गांव स्थित सेना के कैंट एरिया से जानकारी मिली कि एक चिंकारा हिरण तारबंदी में फंसकर घायल हो गया है। जानकारी मिलते ही हरीश चौधरी आर्मी कैंट पहुंचे और घायल हिरण को रेस्क्यू कर वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग को जानकारी मिलने पर रेंजर राजकुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और हिरण को लेकर वन विभाग स्थित रेस्क्यू सेंटर लाए। जहां हिरण ने दम तोड़ दिया। बहुत डरा हुआ था हिरण
रेंजर राजुकमार ने बताया- हिरण बहुत डरा हुआ था और ऐसी अवस्था में बहुत कम ही ये जान सर्वाइव कर पाता है। ऐसे कई मामलों में हिरण अपनी जान गंवा देता है। अगर छोटा बच्चा होता है तो वो सर्वाइव कर लेता है मगर बड़े हिरण या नील गाय आदि बेहद डरपोक जानवर होते हैं। वे डर के कारण हार्ट अटैक आदि से अपनी जान गंवा देते हैं। हमने मादा चिंकारा हिरण के शव को दफना दिया है।
