जयपुर के गोपालपुरा बाइपास पर 15 दिसंबर को उत्कर्ष कोचिंग संस्थान में स्टूडेंट्स के बेहोश होने की घटना की जांच रिपोर्ट आ गई है। कमेटी ने जांच कर 7 दिन में पेश की रिपोर्ट में घटना के कारण का कोई सबूत नहीं मिलने की बात कही है। साथ ही कोचिंग सेंटर में लगे सीसीटीवी कैमरों में भी किसी तरह का कोई संदिग्ध मामला सामने नहीं आना बताया है। रिपोर्ट के मुताबिक कोचिंग परिसर के आसपास की गई सीवरेज की जांच में सभी सीवर चैंबर्स और लाइनें ठीक मिली हैं। वहां किसी भी तरह का भराव या ब्लॉकेज जैसी समस्या नहीं दिखी। चूंकि घटना भवन की दूसरी मंजिल पर हुई। वहां सीवरेज संबंधी कोई विवाद ही नहीं है। न ही वहां कोई गंध आ रही थी। भूखंड स्वामी के पास नगर निगम से जारी फायर एनओसी भी है। मौके पर फायर फाइटिंग संयंत्र भी लगे हुए हैं। इसके अलावा घटनास्थल वाले कक्ष में किसी भी तरह का इलेक्ट्रिक शॉट होने या उपकरण के फूंकने जैसे प्रमाण भी नहीं मिले हैं। दरअसल, 15 दिसंबर को इस कोचिंग में क्लास के दौरान कई स्टूडेंट्स बेहोश हो गए थे। इस दौरान छात्र नेताओं से पुलिस की झड़प भी हुई थी। पुलिस ने उत्कर्ष कोचिंग सेंटर को सील कर दिया था। जयपुर नगर निगम ग्रेटर की ओर से जिन 6 सदस्यों की कमेटी बनाई थी, उस कमेटी ने रिपोर्ट दी है। इन अधिकारियों की बनाई थी जांच कमेटी
नगर निगम ग्रेटर के मानसरोवर जोन के स्तर से छह सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई थी। इसमें अधिशाषी अभियंता संदीप माथुर, सहायक नगर नियोजक सीमा माथुर, राजस्व अधिकारी सुनील बैरवा, सहायक अग्निशमन अधिकारी देवांग यादव, मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक सुरेश कुमार और सहायक स्वास्थ्य निरीक्षक नेहा मण्डावरिया शामिल थे। ये भी पढ़ें… जयपुर में सीवरेज की बदबू से 10 कोचिंग स्टूडेंट्स बेहोश:सांसें फूलने लगी, कंधों पर उठाकर बाहर निकाला; छात्रों की पुलिस से झड़प जयपुर के उत्कर्ष कोचिंग में रविवार देर शाम 10 स्टूडेंट की तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गए। जानकारी के अनुसार, कोचिंग में दूसरी मंजिल पर क्लास चल रही थी। इसी दौरान सीवरेज लाइन से उठी बदबू से छात्र-छात्राओं में बेहोशी छाने लगी थी। (पूरी खबर पढ़ें)
