अजमेर हाई-वे पर भांकरोटा में 20 दिसंबर को हुए अग्निकांड में 15 लोगों की मौत हो चुकी है और 18 गंभीर हैं। हादसे के पीछे रोड इंजीनियरिंग की लापरवाही सामने आई है। एनएचएआई ने 4 माह पहले इस तरह के रोड कट पर ‘एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम’ का दावा आरटीआई के तहत दिए जवाब में किया था। यू टर्न के दौरान हादसों को रोकने के लिए ‘शेल्टर-लेन’ के प्रावधान भी बताए थे। भास्कर ने बीकानेर के आरटीआई एक्टिविस्ट और एमएनआईटी से इंजीनियरिंग करने वाले मनोज कामरा को मिले जवाब के साथ मौके की हकीकत जानी। इस पर एनएचएआई अधिकारियों को सवालों के जवाब और हकीकत बताई तो कहा-सेफ्टी कंसलटेंट से राय मांगी गई है। रोड कट पर आरटीआई के जवाब और मौके पर हकीकत इन सवालों से समझिए… ऐसे रोड कट पर सीसीटीवी के क्या मापदंड हैं?
हम सीसीटीवी ही नहीं बल्कि उन्नत ‘एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम’ लागू करते हैं। एटीएमएस 7 सिस्टम यानी इमरजेंसी कॉल बॉक्स, मोबाइल कम्यूनिकेशन सिस्टम, घटनाओं का डिस्प्ले सिस्टम, ट्रैफिक की गणना और वर्गीकरण, वीडियो सर्विलेंस सिस्टम, वीडियो इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम। एटीएमएस के 6 उद्देश्य हैं: (बगैर बाधित ट्रैफिक चल सके, रोड सेफ्टी को बढ़ाना, घटना की रियल टाइम सूचना, 24 घंटे आपातकालीन सहायता, खराब रोड और मौसम जनित घटनाओं की चेतावनी देना सहित यात्रा का समय कम करके असुविधाओं को दूर करना) रोड कट की मंजूरी और इसकी लोकेशन से संबंधित क्या नियम हैं? आईआरसी-एसपी 84-2019 के पैरा 2.14 के मुताबिक रोड कट के लिए 3.5 मीटर ‘शेल्टर लेन’ (डिवाइडर से दोनों ओर सटी अतिरिक्त लेन) बनाई जाती है। ‘यू-टर्न’ के लिए डिवाइडर 12 मीटर चौड़ाई घेरने वाला होता है, ताकि वाहन सुरक्षित ठहरकर मुड़ने का इंतजार कर सकें। यह शेल्टर लेन 1 इन 20टेपर में होती है। यानी कट से लगभग 80 मीटर पहले शुरू होती है। मौके पर जानलेवा हालात भास्कर एक्सपर्ट एडवोकेट मनोज कुमार कामरा
आरटीआई एक्टिविस्ट,एनएचएआई की सड़कों पर हो रहे एक्सीडेंट को रोकने की दिशा में काम कर रहे रोड इंजीनियरिंग की यह आपराधिक लापरवाही है
हाई वे पर जो एक्सीडेंट हुआ, वह ज्योमेट्री डिजाइन का फेलियर है। 4 महीने पहले कट (मीडियन ओपनिंग) के नियम को लेकर एनएचएआई से जवाब मांगा था। जवाब में जो-जो चीजें मौके पर बताई गईं, वो यहां नहीं दिखीं। ऐसी हादसों में ड्राइवर का फाल्ट बता दिया जाता है, हकीकत में रोड इंजीनियरिंग का फेलियर है। यह आपराधिक लापरवाही है। अभी धीरे-धीरे लागू कर रहे हैं: एनएचआई… यह पुराना हाई-वे है, इसलिए ये चीजें लागू नहीं हो पाईं। अब हम ये चीजें लागू कर रहे हैं। इसमें थोड़ा समय लगेगा। इसका जवाब भी ऊपर भेज दिया। बाकी सेफ्टी अफसर बताएंगे।-डीके चतुर्वेदी, रीजनल ऑफिसर, एनएचएआई एटीएमएस स्पेसिफिक लोकेशन पर नहीं लगाते। पूरे प्रोजेक्ट पर लागू करते हैं। प्रपोजल चल रहा है। इस पर लगाएंगे। शेल्टर लेन आदि के बारे में सेफ्टी कंसल्टेंट से राय ले रहे हैं। -हर्षित पारीक, सेफ्टी ऑफिसर, एनएचएआई
