खैरथल-तिजारा जिले का नाम ‘भर्तृहरि नगर’ करने की चर्चा के बाद शुरू हुआ विवाद अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार शाम को आंदोलन के 66वें दिन खैरथल की सड़कों पर “जिला बचाओ–खैरथल बचाओ” के नारों के बीच मशाल जुलूस निकाला गया। जुलूस शहीद भगत सिंह चौक से शुरू हुआ और पुरानी अनाज मंडी स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर तक निकाला गया। सरकार जनता को भ्रमित कर रही-संघर्ष समिति संघर्ष समिति के सर्वेश गुप्ता, गिरीश डाटा और कौशिक ने कहा-सरकार जनता को भ्रमित कर रही है। यह मशाल जुलूस अब जनआक्रोश और परिवर्तन की शुरुआत है। मशाल जुलूस से पहले रविवार दोपहर को धरना स्थल पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता हनुमान प्रसाद यादव पहुंचे। उन्होंने कहा कि खैरथल-तिजारा जिला पूर्व सरकार द्वारा नियम और व्यवस्था के तहत विधायक दीपचंद खैरिया की पहल पर बनाया गया था, इसलिए अब भाजपा सरकार द्वारा नाम या मुख्यालय बदलने का कोई औचित्य नहीं है। भाजपा के नेता जनता को गुमराह कर रहे हैं। ‘भर्तृहरि नगर’ नामकरण का यहां कोई ऐतिहासिक या भौगोलिक औचित्य नहीं है। जिले का नाम खैरथल-तिजारा ही रहना चाहिए। कुछ भाजपा नेता खुद को कोतवाल समझते हैं, जो अब भूपेंद्र यादव को भी संन्यास लेने पर मजबूर कर देंगे। उनकी केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात हुई है। “मैंने उनसे कहा कि जिस जनता ने आपको सांसद बनाकर मंत्री बनाया, उसी जनता की मांग है कि जिला मुख्यालय खैरथल में ही रहे। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि “भिवाड़ी, तिजारा और टपूकड़ा को अलग जिला बनाया जाए, ताकि यह विवाद हमेशा के लिए समाप्त हो सके।” विधायक बोले-मुख्यालय खैरथल में बने, नहीं तो संघर्ष जारी रहेगा किशनगढ़बास विधायक दीपचंद खैरिया ने कहा कि जब तक खैरथल-तिजारा जिले का मुख्यालय खैरथल में स्थापित नहीं हो जाता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। यह सिर्फ राजनीतिक नहीं, जनता की अस्मिता का आंदोलन है।
पूर्व सरकार द्वारा तय की गई सभी व्यवस्थाओं को पलटने की कोशिश जनता के साथ धोखा है। नगर परिषद खैरथल के नेता प्रतिपक्ष विक्की चौधरी ने भाजपा नेताओं पर झूठे वादों और खोखले आश्वासनों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा-भाजपा जिला अध्यक्ष, जिला प्रमुख और नगर परिषद अध्यक्ष ने दावा किया था कि सात दिन में जिला मुख्यालय के लिए भूमि आवंटन हो जाएगा, लेकिन अब 66 दिन बीत चुके हैं और कोई कार्रवाई नहीं हुई। कांग्रेस नेता गिरीश डाटा ने कहा-जब तक सरकार यह स्पष्ट नहीं करती कि खैरथल ही रहेगा मुख्यालय और नाम यथावत रहेगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और भाजपा नेताओं की चुप्पी बताती है कि सरकार जनता को भ्रम में रख रही है। संघर्ष समिति का आरोप-भिवाड़ी शिफ्ट की गुपचुप तैयारी संघर्ष समिति के प्रमुख गिरीश डाटा और सर्वेश गुप्ता ने दावा किया कि सरकार चुपचाप भिवाड़ी में मुख्यालय शिफ्ट करने की तैयारी में है। अगर ऐसा नहीं है तो केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव खुद धरना स्थल पर आकर घोषणा करें कि जिला मुख्यालय खैरथल में ही रहेगा। मुंडावर विधायक ललित यादव ने कहा-मुख्यमंत्री की मंजूरी और केंद्रीय मंत्री के ट्वीट के बाद अब सरकार विधानसभा में कह रही है कि नाम परिवर्तन का कोई प्रस्ताव नहीं है। अगर सरकार का इरादा साफ है, तो मंत्री भूपेंद्र यादव सार्वजनिक रूप से घोषणा करें कि खैरथल ही जिला मुख्यालय रहेगा। ये रहे मौजूद धरना स्थल पर विधायक दीपचंद खैरिया, गिरीश डाटा, ओमप्रकाश रोघा, विक्की चौधरी, सर्वेश गुप्ता, शिवचरण गुप्ता, वीरसिंह ढिल्लन, कामरेड रामचंद्र, नारायण छंगानी, दीपक चौधरी, योगेश गुर्जर, महेश खटियानी, जय हेड़ाऊ, विजय छंगानी, हरदयाल जाटव, अनिल रोहिल्ला, महेंद्र जांगिड़, इमरान खान, गिर्राज चौधरी समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।