काम करवाने के बाद दिव्यांग को वेतन क्यों नहीं : हाईकोर्ट

दिव्यांग संविदाकर्मी से डेढ़ साल तक काम करवाने के बाद भी उसे वेतन नहीं देने व उसकी सेवाएं खत्म करने के मामले में हाईकोर्ट ने प्रमुख चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक, सीएमएचओ जयपुर सहित अमर एसोसिएट से जवाब देने के लिए कहा है। जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश प्रवेश कुमार बुनकर की याचिका पर दिया। अधिवक्ता बाबूलाल बैरवा ने बताया कि चिकित्सा विभाग ने प्लेसमेंट एजेंसी अमर एसोसिएट के जरिए प्रार्थी से बतौर संविदाकर्मी कार्मिक के तौर पर काम के लिए करार किया था। इसके तहत ही प्रार्थी दिव्यांग ने 10 जनवरी 2023 को वार्ड बॉय के लिए आवेदन किया। उसे 13 अप्रैल 2023 को गोविंदगढ़ पंचायत समिति के इटावा भोपजी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नियुक्ति दी गई। उसने सितंबर 2024 तक काम लिया, लेकिन बाद में उसकी सेवा खत्म कर दी। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि इस अवधि में काम के बदले न तो प्लेसमेंट एजेंसी ने उसे वेतन के तौर पर कोई मानदेय दिया और ना ही विभाग ने वेतन दिया। ऐसे में बिना वेतन दिए सेवाएं लेना बेगार के समान है, इसलिए उसे बकाया वेतन दिलाया जाए। अदालत ने मामले में सुनवाई करते हुए संबंधित पक्षकारों से जवाब देने के लिए कहा। चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक से मांगा जवाब