ऑपरेशन के बाद चलने में दिक्कत, पैर में पड़ी मवाद:रिटायर्ड कर्मचारी को जयपुर में दोबारा करनी पड़ी सर्जरी; डॉक्टर के खिलाफ शिकायत

भरतपुर के जवाहर नगर कॉलोनी के व्यक्ति ने प्रदीप हॉस्पिटल के डॉक्टर के खिलाफ मथुरा गेट थाने में शिकायत दी है। पीड़ित व्यक्ति राम दयाल शर्मा का कहना है कि उन्होंने प्रदीप हॉस्पिटल में अपने पैर का ऑपरेशन करवाया था। जिसे डॉक्टर अनुराग शर्मा ने गलत कर दिया। जिससे उन्हें पैर में म‌वाद पड़ गया। साथ ही उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ी। जिसके बाद उन्हें दोबारा जयपुर में ऑपरेशन करवाना पड़ा। प्रदीप हॉस्पिटल में हुआ ऑपरेशन पीड़ित व्यक्ति राम दयाल शर्मा (61) निवासी जवाहर ने बताया कि 18 फरवरी की शाम को वह बिहारी जी मंदिर से अपने घर आ रहे थे। इस दौरान काका जी मार्किट के पास उनकी स्कूटी स्लिप हो गई। उन्हें आसपास के दुकान वालों और राहगीरों ने उठाया और प्रदीप हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया। प्रदीप हॉस्पिटल के डॉक्टर अनुराग शर्मा ने उन्हें बताया कि राम दयाल शर्मा के पैर में गंभीर चोट आई है। जिसका ऑपरेशन किया जाएगा। 19 फरवरी को राम दयाल शर्मा का ऑपरेशन किया गया। जो कि डॉक्टर अनुराग शर्मा ने किया। पैर में प्लेट गलत जगह लगाई ऑपरेशन के बाद 20 फरवरी को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। 21 मार्च उनके पैर से प्लास्टर निकाल दिया गया। प्लास्टर उतारने के बाद राम दयाल चल नहीं पा रहे थे। उनके पैर में दर्द बना हुआ था। जिसके बाद उन्होंने दूसरे डॉक्टर्स को दिखाया तो, पता लगा कि उनके पैर में मबाद पड़ना शुरू हो गया है। क्योंकि प्रदीप हॉस्पिटल में जो उनके पैर का ऑपरेशन किया गया है वह ठीक से नहीं किया गया। जिसके बाद राम दयाल शर्मा करीब 5 डॉक्टर को दिखाया सभी ने गलत ऑपरेशन होना बताया। साथ ही सलाह दी कि अगर उन्होंने जल्दी ही दोबारा ऑपरेशन नहीं करवाया तो, उनके पैर में सेप्टिक हो सकती है। ऑपरेशन के पैर में पड़ा मबाद तब राम दयाल शर्मा ने 27 मई को जयपुर के राजस्थान हॉस्पिटल में दोबारा से ऑपरेशन करवाया। प्रदीप हॉस्पिटल में RGHS के अलावा उनके 20 हजार रुपये खर्च हो गए। साथ ही उन्हें काफी परेशानी उठाई पड़ी। अब राम दयाल शर्मा का कहना है कि उन्हें जो भी परेशानियों का सामना करना पड़ा है वह उसको लेकर प्रदीप हॉस्पिटल के डॉक्टर के खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई जरूर करेंगे। हर डॉक्टर की अलग राय हो सकती है वहीं इस मामले पर जब प्रदीप हॉस्पिटल के डॉक्टर अनुराग शर्मा से बात की तो, उन्होंने बताया कि यह मरीज फ़रवरी के महीने में RGHS से अपना इलाज करवाने आया था। व्यक्ति का एक्सीडेंट हुआ था जिसमें इसके पैर की हड्डी में फ्रेक्चर हुआ था। सरकार की योजना के तहत व्यक्ति का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के दो तीन बार मरीज दोबारा आया उसने पैर में सूजन होना बताया। जिसके आधार पर उसे दवाये दी गई। उसके बाद वह वापस नहीं आया। उसने किसी दूसरे डॉक्टर से राय ली तो, उस डॉक्टर ने बताया कि पैर में पेच बड़ा है और प्लेट बदलने चाहिए। हर डॉक्टर की अलग-अलग राय हो सकती है। अगर कोई उन्हें परेशानी है तो, उन्हें कंसर्ट डॉक्टर को आकर परेशानी बतानी चाहिए थी। वेवजह किसी के ऊपर आरोप लगाना अशोभनीय टिप्पणी करना गलत काम है। जो भी वह आरोप लगा रहे हैं वह डॉक्टर डिसाइड कर सकते हैं न की पेशेंट डिसाइड करेगा की क्या सही है और क्या गलत है।