एसजेपी मेडिकल कॉलेज को डॉक्टर्स ही नहीं मिल रहे हैं। जहां 125 फैकल्टी की पहले से ही कमी है और अब राजमेस ने 25 डॉक्टर लगाए भी हैं तो उनमें से ज्वाइनिंग सिर्फ 12 डॉक्टरों ने की है। मजबूरन राजमेस को ज्वाइनिंग की लास्ट डेट 13 जनवरी बढ़ानी पड़ी है। इसकी मुख्य वजह स्पेशिएलिटी डॉक्टरों की पूरे देश में कमी होना, प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों का वेतन कम होने से प्राइवेट सेक्टर की तरफ ज्यादा रुझान, मनमर्जी के मेडिकल कॉलेज में पदस्थापन नहीं होना और प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर जैसे पदों की अधिकतम आयु सीमा 42 साल जल्दी ही निकल जाना भी है। वर्तमान में एसजेपी मेडिकल कॉलेज में स्वीकृत 261 पदों में से सिर्फ 136 फैकल्टी ही कार्यरत हैं और 125 पद रिक्त हैं। असल में राजमेस के प्रदेश में 18 मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें पदस्थापन के लिए राजमेस ने 1476 पदों की वेकेंसी निकाली थी, परंतु स्पेशिएलिटी डॉक्टर्स के इतने आवेदन ही नहीं आए। इसमें करीब 800-900 ही आवेदन आए और योग्यता पूरी नहीं कर पाने व अन्य कारणों से इंटरव्यू के जरिए 472 डॉक्टर्स का ही चयन हुआ। इन डॉक्टरों का पदस्थापन प्रदेश के 18 कॉलेजों में रिक्त पदों पर किया है। इसमें भरतपुर एसजेपी मेडिकल कॉलेज में 25 डॉक्टर्स का पदस्थापन 9 दिसंबर 2024 को किया गया, जिन्हें 15 दिन जॉइनिंग करने का समय दिया गया। इस हिसाब से 24 दिसंबर 2024 तक ज्वाइनिंग देनी थी, लेकिन अब तक 12 डॉक्टरों ने ही ज्वाइनिंग दी है। देश में 706 मेडिकल कॉलेज, फिर भी डॉक्टरों की कमी देश में 706 मेडिकल कॉलेज हैं, फिर भी डॉक्टरों की कमी है। इनमें 386 सरकारी मेडिकल कॉलेज और 320 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज व 23 एम्स हैं। जहां एमबीबीएस, पीजी व सुपर स्पेशलिटीज की पढाई होती है। “राजमेस ने साक्षात्कार के जरिए नियुक्ति देकर भरतपुर में पदस्थापित 25 चिकित्सक शिक्षकों में से अभी तक 12 ने ही ज्वाइन किया है। अब राजमेस ने जॉइनिंग की लास्ट डेट 13 जनवरी तक बढ़ाई है।” -डॉ. तरुण लाल, प्रिंसीपल, मेडिकल कॉलेज भरतपुर “राजमेस के कॉलेजों में पदस्थापन के लिए 1476 पदों की वेकेंसी निकाली थी, लेकिन उतने आवेदन ही नहीं आए। इस वजह से 472 चिकित्सक शिक्षकों की नियुक्ति देकर पदस्थापन किया है।” -इकबाल खान, आईएएस,
निदेशक, राजमेस जयपुर
