अनकही:क्षत्रिय युवक संघ प्रमुख रहे भगवान सिंह रोलसाहबसर नहीं रहे, उनके योगदान से युवक संघ में महिलाओं की भूमिका तय हुई

राजपूत समाज के प्रमुख नेता भगवान सिंह रोलसाहबसर विभिन्न आंदोलनों से जुड़े रहे, लेकिन उनकी प्रमुख भूमिका सामान्य वर्ग को आर्थिक आधार पर आरक्षण दिलाने की लड़ाई के रूप में दिखाई दी। उनके मिशन ने ही केंद्र सरकार से सामान्य वर्ग के कमजोर तबके के पक्ष में जस्टिस वीपी सिंह आयोग गठित कराया। यह बात दीगर है कि तब ईडब्लूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू नहीं हो पाई, लेकिन उसके लिए नींव रख दी गई थी। देश में आरक्षण को लेकर बातें चल रही थीं। भगवान सिंह कुछ साथियों लोकेंद्र सिंह कालवी, राजेंद्र राठौड़ सहित कई अन्य के साथ मंथन किया। भगवान सिंह चाहते थे कि सामान्य वर्ग में कमजोर तबके को भी आर्थिक आधार पर आरक्षण मिले। तब उस दौरान उनके साथ रहे भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि रोलसाहबसर चाहते थे कि केंद्र तक अपनी बात पहुंचाने के लिए एक बड़ी सभा करें। इससे पहले तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से भी मिलने पहुंचे थे। कालवी चाहते थे कि आर्थिक आधार पर आरक्षण जैसी व्यवस्था पर कोई आंदोलन ठीक नहीं। लेकिन रोलसाहबसर चाहते थे कि ऐसा हो। राजपूत समाज के नेता प्रेमसिंह बनवासा ने बताया- तय हुआ कि जयपुर में अमरूदों के बाग में सभा की जाए। विरोध हुआ, लेकिन वे तय कर चुके थे। अलख जगाई गई, समाज एकजुट हुआ। प्रताप फाउंडेशन ने 2003 में अमरूदों के बाग में पहुंचने का आह्वान कर दिया। फिर हो गया आयोग का गठन
सभा हुई, लाखों इकट्ठा हुए, हुंकार भरी गई, विरोधी भी पहुंच गए। हल्ला हुआ। बताया जाता है कि जो नेता इस रैली का विरोध कर रहे थे, हंगामा करने वाले उन्हीं के समर्थक थे। जो भी हुआ इस सभा ने केंद्र तक को हिला दिया। परिणाम यह निकला कि उसके बाद सरकार ने जस्टिस वीपी सिंह आयोग गठित कर दिया। सामान्य वर्ग में 10 फीसदी आरक्षण यानी ईडब्लूएस को आरक्षण की यह नींव ही थी। 1982 से रोलसाहबसर के सान्निध्य में रहे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत उनके निधन पर आहत हैं। शेखावत ने बताया- निरंतर उनके मार्गदर्शन में रहा, समझ आया कि वे निर्णय को अंजाम तक पहुंचाते थे। देश और समाज को बहुत कुछ दिया। परिणाम दिखा भी। भगवानसिंह रोलसाहबसर को अक्टूबर 1989 में क्षत्रिय युवक संघ प्रमुख का दायित्व मिला। उन्होंने राजस्थान के प्रत्येक छोर तक हर नए पुराने स्वयंसेवक से व्यक्तिगत संपर्क साधा। युवक संघ फिर पुरुष वर्ग तक सीमित नहीं रहा, महिलाओं व बालिकाओं तक पहुंचा। इससे वे राजनीति में समाज के लोगों के संरक्षक की भूमिका में उभरे। समाज के राजनीतिज्ञों को संस्थागत रूप से समाज के आम नागरिकों से जोड़ने का प्रयास प्रताप फाउंडेशन ने किया। श्री क्षत्रिय युवक संघ के प्रमुख रहे भगवानसिंह रोलसाहबसर नहीं रहे। उनके सान्निध्य से राजपूत समाज सहित कई बड़े नेताओं को आगे बढ़ने के मौके मिले।