अग्निवीर भर्ती का डमी कैंडिडेट, बोर्ड एग्जाम फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड:12वीं पास कराने के 25 हजार लेता था, 9 महीने से पुलिस को थी तलाश

राजस्थान में अग्निवीर भर्ती में पकड़ा गया डमी कैंडिडेंट 12वीं पास कराने का ठेका भी लेता था। पुलिस की पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आरोपी इसके लिए 25 हजार रुपए लेता था और इसके बदले में डमी कैंडिडेट उपलब्ध करवाता था। पूछताछ में सामने आया कि वह खुद 12वीं पास है। आरोपी 9 महीने से फरार था, जोधपुर पुलिस ने इस पर 5 हजार रुपए का इनाम भी रखा था। मामला जोधपुर के रातानाडा थाना इलाके का है। पुलिस ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी। अग्निवीर फर्जीवाड़े में पकड़ा गया था
ग्रामीण के एडिशनल एसपी भोपाल सिंह लखावत ने बताया- अग्निवीर भर्ती के मामले में 21 सितंबर को गिरफ्तार हुए डमी कैंडिडेट मुकेश चौधरी निवासी पल्ली पुलिस थाना मतोड़ा जिला फलोदी से पूछताछ में सामने आया कि यह 12वीं पास कराने की एवज में डमी कैंडिडेट उपलब्ध कराने का ठेका भी लेता था। पुलिस को इसी की 12वीं एग्जाम में डमी कैंडिडेट उपलब्ध कराने के मामले में 9 महीने से तलाश थी। अब अन्य मामलों का खुलासा होने की संभावना भी है। मेडिकल कराने दोस्त की जगह पहुंचा था
पुलिस के अनुसार, शुक्रवार (20 दिसंबर) सुबह 8 बजे अभ्यर्थी कुलदीप ने अपना बायो मैट्रिक रिकॉर्ड कराया था। इसके बाद दोपहर 12:30 बजे हॉस्पिटल की आई टेस्ट ओपीडी में गया। वहां टेस्ट शुरू होने से पहले वह वॉशरूम का बहाना बनाकर निकला। कुछ मिनट बाद उसने खुद कर जगह अपने दोस्त मुकेश चौधरी को अंदर भेज दिया। मुकेश आंखों की जांच कराने के लिए गया। जांच से पहले लेफ्टिनेंट कर्नल छनी प्रीत सिंह ने उसके हाथ पर लगी मुहर देखी। असली मुहर की बजाए मुकेश के हाथ पर पेन से बनी मुहर थी। इसके बाद दोबारा बायोमैट्रिक व रेटिना मिलान किया तो वे अलग थे। अधिकारियों ने सख्ती से ​पूछताछ की तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। मुकेश को रिमांड पर लिया तो बोर्ड एग्जाम का फर्जीवाड़ा खुला लखावत ने बताया- इसके बाद रातानाडा थाने में सेना की रिक्रूटमेंट सेल की ओर से 21 दिसंबर को रातानाडा थाने में मामला दर्ज कराया गया है। जांच में सामने आया कि कुलदीप सिंह की आंख में कुछ कमी है। इसी वजह से उसे मेडिकल जांच में फेल होने की आशंका थी। इसलिए उसने अपने दोस्त मुकेश को भेजा था। इस पर मुकेश को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया था। 12 पास कराने के 25 हजार लेता था
लखावत ने बताया- पूछताछ के दौरान पता चला कि मुकेश 12वीं एग्जाम में डमी कैंडिडेट बैठाता है। इसके एवज में 25,000 रुपए भी लेता था। पूछताछ में सामने आया कि 4 मार्च 2024 को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय ओसियां में केंद्र अधीक्षक की शिकायत पर 2 फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए थे। इसको लेकर परीक्षार्थियों के खिलाफ ओसियां थाने में मामला दर्ज किया गया था। इस दिन 12वीं बोर्ड की अंग्रेजी विषय की परीक्षा थी। जिसमें छात्र यशवर्धन के स्थान पर सुखराम और छात्र हरीश के स्थान पर रेवतराम को मुकेश ने ही बैठाया था। पुलिस को 9 महीने से तलाश थी
मामले में दोनों ही डमी कैंडिडेट्स के मूल परीक्षार्थियों के साइन से मिलान नहीं हो पाया था। वहीं जब आरोपियों से डिटेल पूछी गई तो पता भी सही नहीं बता पाए थे। इस पर उनके खिलाफ ओसियां पुलिस थाने में रिपोर्ट दी गई। पुलिस ने दोनों परीक्षार्थियों को हिरासत में भी लिया था। इस दौरान मुकेश चौधरी का नाम सामने आया था। तब से ही पुलिस को इसकी तलाश थी। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह वहीं मुकेश चौधरी है जिसकी पुलिस 9 महीने से तलाश कर रही थी। अब पुलिस इससे अन्य मामलों को लेकर पूछताछ कर रही है। मामले से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… क्या राजस्थान में अग्निवीर भर्ती के लिए सक्रिय है गैंग?:जोधपुर में सेना के डॉक्टर ने पकड़ा डमी कैंडिडेट; आंखों के टेस्ट के दौरान खुलासा राजस्थान में अग्निवीर भर्ती में संभवतया पहली बार डमी कैंडिडेंट पकड़ा गया है। जोधपुर में भर्ती प्रोसेस के दौरान सेना के एक डॉक्टर के शक के कारण पूरे मामले का खुलासा हुआ है। हालांकि, फर्जीवाड़े में कोई गैंग शामिल है या केवल एक आरोपी ने ऐसा किया है? ऐसे कई सवाल अब जांच एजेंसियों के सामने हैं। (पढ़ें पूरी खबर)